कई लोगों ने उसके अपहरण के कयास लगाए। मासूम के गायब होने की सूचना पर पुलिस ने भी वहां पहुंच पूरे घर सहित आस-पास के घरों में बने टांके तथा सीसीटीवी फुटज खंगाले लेकिन वह कहीं नहीं मिला। आखिर मासूम की नींद खुली तो वह कमरे में रोने लगा, इस पर लोगों ने दरवाला खोला तो सभी के जान में जान आई। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
प्रजापत समाज भवन के समीप रहने वाले रमेश प्रजापत के परिवार के सदस्य रोज के कार्यों में व्यस्त थे। दोपहर 2.30 बजे पांच वर्षीय भावेश दिखाई नहीं दिया तो उन्होंने ढूंढना शुरू किया। कुछ ही समय में पूरे मौहल्ले व शहर में यह समाचार फैल गया। इससे घर व इसके आस पास बड़ी भीड़ एकत्र हो गई।
दरअसल भावेश परिवार के अन्य बच्चों के साथ खेलता हुआ उपरी मंजिल पर बने कमरे में पलंग व कूलर के बीच खाली स्थान के बीच खेलते खेलते सो गया। परिवार के सदस्यों ने आनन-फानन में इस कमरे की भी तलाशी ली, लेकिन भावेश नजर नहीं आया।
इस दौरान किसी ने कमरे की कुण्डी लगा दी। शाम करीब 5.30 बजे वह नींद से जगा तो बंद दरवाजा नहीं खुला तो वह रोने लगा। आवाज सुनकर लोगों ने उसे बाहर निकाला।