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चुरू जैसी पोल बालोतरा में भी…

locationबाड़मेरPublished: Jan 20, 2018 05:51:33 pm

Submitted by:

Dilip dave

न्यायालय परिसर में सुरक्षा इंतजाम मजबूत बनाने की दरकार

न्यायालय परिसर में सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं

न्यायालय परिसर में सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं

पत्रिका न्यूज पंच

बालोतरा पत्रिका.
चुरू जिले के सादुलपुर कस्बे के मुसिंफ कोर्ट में फायरिंग की घटना में एक हार्डकोर अपराधी की हत्या के बाद पत्रिका टीम ने शहर के जिला एवं अधीनस्थ न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को टटोला तो यहां पर भी सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत बनाने की दरकार महसूस हुई। कई बार यहां हार्डकोर व कुख्यात बदमाशों को पेशी पर लाया जाता है। हार्डकोर के साथ तो जाप्ता रहता है लेकिन न्यायालय परिसर पर होने वाली अवांछित हरकत पर नजर रखने को कोई नहीं है।
हर तीसरे दिन आते है कुख्यात पेशी पर

शहर के जिला एवं सत्र न्यायालय, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय समेत न्यायालयों में विभिन्न मामलों की सुनवाईकी दौरान हर तीसरे-चौथे दिन हार्डकोर बदमाशों को पेशी पर लाया जाता है। कुख्यात हेरोइन व नकली नोट तस्कर नवाब खां उर्फ नबिया, आम्र्स एक्ट के मामले में कुख्यात गैंगस्टर अनिल पांड्या, विष्णु नैण, श्रवण बाबेल, विजयसिंह समेत कई हार्डकोर अपराधियों को यहां पेशी पर लाया जाता है। इनके अलावा कई ऐसे कुख्यात बदमाश भी है, जिनकी मामलों में जमानत तो हो गई लेकिन वे मामलों की सुनवाई के दौरान पेशी पर आते है।
यहां-यहां हुई फायरिंग की घटनाएं-

– हनुमानगढ़ के जिला न्यायालय में 1 अगस्त 2016 को पेशी पर आए हत्या के आरोपित को दो बदमाशों ने कोर्टरूम के बाहर गोली मार हत्या कर दी।
– बूंदी के जिला न्यायालय परिसर मेें 5 दिसंबर को दो युवक ने आपसी पुरानी रंजिश के चलते कैदी पर हमला कर दिया। इससे कैदी गंभीर रूप से घायल हो गया।

– 17 जनवरी को चुरू जिले के सादुलपुर कस्बे के मुसिंफ कोर्टमें पेशी पर आए हार्डकोर अपराधी की 4-5 बदमाशों से गोलियों से भून हत्या कर दी। इस दौरान एक वकील समेत दो जने अन्य घायल हो गए थे।
सुरक्षा के नहीं इंतजाम-
न्यायालय परिसर में सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। कई स्थानों पर न्यायालयों में अप्रिय वारदातें व घटनाएं घटित होने के बाद भी पुलिस सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। – लादूराम चौधरी, अध्यक्ष जिला बार संघ बालोतरा
वाहन पार्र्किंग भी नहीं- न्यायालय परिसर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इसके अभाव में न्यायालय परिसर में अव्यवस्थित तरीके से वाहन खड़े रहते है। कईलोग कोर्ट रूम के पास तक वाहनों को खड़ा कर चले जाते हैं। – करणसिंह चारण, एडवोकेट

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