शहर में बंद, गांवों में शुरू हुए कारखाने
बाड़मेरPublished: Jun 07, 2015 11:52:00 pm
नेशनल ग्रीन
ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से बालोतरा, जसोल व बिठूजा की औद्योगिक इकाइयों में 9
जुलाई तक कामकाज पूर्णतया: बंद रखने के आदेश
बालोतरा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से बालोतरा, जसोल व बिठूजा की औद्योगिक इकाइयों में 9 जुलाई तक कामकाज पूर्णतया: बंद रखने के आदेश के बावजूद कई उद्यमी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कुओं पर कपड़े की धुलाई-रंगाई करवा रहे हैं।
मेगा हाईवे से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित पचपदरा पुलिस थाने के आगे से कपड़ों से भरे वाहन गुजरते हैं, लेकिन कोई रोक टोक नहीं है। ग्रामीणों ने दूषित पानी से बंजर हो रही भूमि के बारे में प्रशासन को अवगत भी करवाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। नतीजतन आज भी बालोतरा से 30-40 किलोमीटर दूर गांवों में कपड़े की धुलाई जारी है।
गांवों में खुल गए कारखानें
इकाइयों में कामकाज बंद होने के बाद कई उद्यमी जोधपुर के शेरगढ़, तेना, सोईतरा व मांडपुरा आदि गांवों में कार्य करवा रहे हैं। वस्त्र धुलाई व सुखाई के लिए कुएं के पास हौदियां व अडाण बना रखे हैं। तिरपाल से ढके मिनी ट्रक, ट्रैक्टरों में माल लाते और ले जाते हैं। औद्योगिक क्षेत्र स्थित जीरो डिस्चार्ज व ओरेंज फैक्ट्रियों में फिनिशिंग करवाई जाती है। इसके बाद माल को तैयार कर ट्रांसपोर्ट से बाहर भिजवाया जा रहा है।
अडाण पर कपड़ा, जमीन पर रासायनिक पानी
सोईतरा गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित मेगा हाईवे से महज 200 मीटर की दूर एक कुएं पर धुलाई व रंगाई धड़ल्ले से चलती मिली। अडाण पर कपड़े सूख रहे थे तो हौदियों में माल की धुलाई की जा रही थी। खुले में रासायनिक पानी बहाया जा रहा था। इससे आस-पास की जमीन पर कास्टिक की परत का जमाव हो गया था।
आदेश की अवहेलना
प्रदूषण की समस्या पर एनजीटी ने कारखानों को बंद करवाया है। इस पर सीईटीपी ने एक्शन प्लान की रिपोर्ट तैयार कर जिला कलक्टर को सौंपी है। कलक्टर ने रिपोर्ट को एनजीटी दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत कर दी, लेकिन यहां के कई उद्यमी चोरी-छिपे काम कर एनजीटी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।