नगर परिषद आयुक्त पवन मीणा को स्वायत्त शासन विभाग ने 11 अक्टूबर को एपीओ कर नगर विकास न्यास सचिव अंजुम ताहीर शम्मा को कार्य करने के लिए अधिकृत किया था, लेकिन उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया। वहीं एपीओ हुए आयुक्त भी रिलीव नहीं हुए।
इधर, जिला कलक्टर ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर शहर में व्यवस्थाएं प्रभावित होने का जिक्र किया है। पांच साल के बोर्ड में बार-बार आयुक्त के एपीओ होने पर शहर में विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे।
क्या इसलिए हुए थे आयुक्त एपीओ? एपीओ होने के बाद आयुक्त ने भी स्वीकार किया था कि राजनीतिक कारणों से मुझे एपीओ किया गया। संभवत: नगर परिषद की ओर से नंदी गोशाला संचालन को लेकर बोर्ड बैठक में एमओयू होना था, लेकिन आयुक्त-सभापति बोर्ड बैठक नहीं बुला रहे थे।
अब एपीओ होने के बाद बुधवार को बोर्ड बैठक बुलाई गई है। ऐसी स्थिति में आयुक्त के एपीओ होने के आदेश निरस्त होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से एपीओ आदेश निरस्त करने का आदेश जारी नहीं हुआ है।
बोर्ड बैठक में होगा एमओयू नगर परिषद आयुक्त ने बोर्ड बैठक का एजेण्डा जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि शहर में आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए नंदी गोशाला निर्मित की गई है। वर्तमान में कांजी हाउस का नगर परिषद संचालन करती है, उसमें 6-7 लाख खर्च होते है, लेकिन नंदी गोशाला में करीब 2500 पशु होंगे।
ऐसे में यह खर्च 30-35 लाख रुपए होगा, जो नगर परिषद चुकाने में असमर्थ है। ऐसी स्थिति में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर गोशाला रखरखाव व संचालन को लेकर एमओयू होगा। सभापति के दोनों मोबाइल स्विच ऑफ
सभापति लूणकरण ने आयुक्त के एपीओ आदेश निरस्त होने की चर्चा सामने आने पर दोपहर बाद दोनों मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए। सभापति सोमवार शाम नगर परिषद पहुंचे थे। उसके बाद ही बोर्ड बैठक बुलाने का निर्णय हुआ।
– रिक्वेस्ट पत्र भेजा है, आयुक्त के एपीओ होने के बाद वे रिलीव नहीं हुए हैं। आयुक्त के रिलीव होने से दीपावली पर्व को देखते हुए शहर में सफाई व्यवस्था व नंदी गोशाला का काम प्रभावित होगा। यूआइटी सचिव दोनों को ऐसी स्थिति में एक साथ नहीं संभाल सकते है। इसलिए स्वायत्त शासन विभाग को रिक्वेस्ट पत्र भेजा है।
– अंशदीप, जिला कलक्टर, बाड़मेर