पेयजल के लिए तरसते लोग पत्रिका टीम ने मंगलवार को कॉलोनी का जायजा लिया तो यहां के वाशिंदों ने बताया कि चुनावों से पहले पानी की लाइनें बिछाने के लिए खूब वादे किए गए। लेकिन चुनाव के बाद यहां पर कोई पुछने तक नहीं आया। कॉलोनी बसे कई साल हो चुके हैं। लेकिन यहां तक पाइप लाइन ही नहीं पहुंची है।
500 रुपए का एक टैंकर पानी की लाइनें नहीं बिछी होने के कारण लोगों के लिए पानी खरीदने का एकमात्र साधन टैंकर ही है। ऐसे में एक टैंकर मंगवाने में 400 से 500 रुपए खर्च करने पड़ रहे हंै। महीने में 3-4 टैंकर से गुजारा होता है। बड़े परिवारों को तो और भी अधिक पानी खरीदना पड़ता है।
जहां जरूरत वहां नहीं पाइप लाइन हाल ही में जलदाय विभाग के पास पुरानी लाइनें बदलने के साथ नए स्थानों पर लाइन बिछाने के लिए लाखों रुपए का बजट आया। लेकिन जहां पर जरूरत है वहां पर पानी की लाइनों का पता ही नहीं। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लोगों को महंगे दामों में पानी के टैंकर मंगवाने पड़ते है।
बोले लोग लाइन ही नहीं बिछाई मोहल्ले में सैकड़ों परिवारों को पानी के टैंकर मंगवाने पड़ते है।ं पानी की लाइनें ही नहीं बिछाई। -बसरा टैंकर मंगवा रहे हैं वर्षों से पानी की लाइनों का इंतजार है। लाइनें नहीं बिछाई गई। महंगे दामों में पानी के टैंकर मंगवा रहे हैं।
-पुष्पा 4 से 5 टैंकर की जरूरत बड़े परिवार में महीने में 4 से 5 टैंकर मंगवाने पड़ते हैं। गरीबों के लिए टैंकर मंगवाना मुश्किल है। -सरवर कई बार अवगत करवाया
पाइप लाइने बिछाने के लिए जलदाय विभाग को कई बार अवगत करवाया। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। -जिन्नत खातुन