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हरी लट फसलों को कर रही चट, क्षेत्र के किसान परेशान

locationबाड़मेरPublished: Sep 10, 2019 12:30:38 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

– महंगी दवाइयां व कीटनाशक खरीदना मजबूरी

Compulsion to buy expensive medicines and pesticides

Compulsion to buy expensive medicines and pesticides

समदड़ी. किसानों की मुसीबत इस बार कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले बरसात देरी से हुई। अब खरीफ की फसलो में रोग उत्पन्न होने से किसानो के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। किसान अब मंहगे दामो पर बाजार से दवाइयां खरीदकर रोकथाम में लगे हैं।
क्षेत्र में लगातार हो रही बरसात से खरीफ फ सलें पहले सें ही प्रभावित हो गई है। फसलो में पीलापन आने के साथ इनकी बढ़त रूक गई है। इसके लिए किसानो ने फसलों में खाद भी डाली, लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ। फसलें आज भी पीली पड़ी हुई है। अब फसलों में रोगों का प्रकोप होने लगा है। शुरुआत में ही फ सलो पर रोग प्रकोप होने से किसान चिन्ता में पड़ गए हैं।
मूंग में हरी लट का प्रकोप –

लगातार बरसात के बाद मौसम में नमी रहने से फसलों में अब रोग प्रकोप होने लगा है। मूंग की फसल में हरी लट के साथ विभिन्न प्रकार के रोग होने लगे हैं। इसके अलावा मूंग में मोजेक पित्त चिरा रोग व ब्लैक विवल का प्रकोप भी हो गया है। यह रोग पौध की पत्तियों को आपस में बांधकर पौध पर आ रहे फूलों व फली को चट कर रहा है। इसी प्रकार से तिल की फसल में भी विषाणु व हरी लट का प्रकोप होने लगा है।
फसलों में होने लगे रोग –

मूंग और तिल की फसल में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो गए हैं। हरी लट से फ सलों को नुकसान होने सेे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार को किसानों को अनुदान पर दवाइयां वितरित कर मदद करनी चाहिए।
– कानाराम चौधरी, किसान

हरी लट का प्रकोप-

इन दिनों लगातार बरसात का दौर चलने से मूंग व तिल में हरी लट सहित अनेक रोग लगने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। महंगी दवाइयां खरीद किसान बचाव कर रहे हैं। कृषि विभाग की ओर से सलाह की जरूरत है।
– माधुसिंह भाटी, किसान

हो रहे हैं रोग-

मूंग में ब्लैक विविल, हरी लट व मोजेक पित्त चिरा रोग हो गया है। इसके उपचार के लिए मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल एक लीटर प्रति हेक्टेयर या डाईमिथोएट 30 ईसी प्रति लीटर प्रति हेक्टेयरर, एम 45 दो किलो प्रति हेक्टेयर या कार्बण्डाजीम व मैंकोजीम एक किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसान स्प्रे करें।
इसी प्रकार से तिल में फैले विषाणु व हरी लट रोग के उपचार को लेकर मोनोक्रोटोफॉस एक लीटर या डाईमिथोएट 30 ईसी एक लीटर व एम 45 एक किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव काने की सलाह किसानो को है।
– सुमेरसिंह राठौड़, कृषि विशेषज्ञ

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