पूर्व में संक्रमित होने से इनका इम्यूनिटी पॉवर कम ही है, एेसे में इस बार अधिक खतरनाक कोरोना की दूसरी लहर में इनकी ड्यूटी सबके लिए चिंता का कारण है। परिवार वाले चिंतित, खुद परेशान- कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जैसे ही कोरोना वॉरियर्स ड्यूटी पर जाते हैं, उनके परिजन चिंतित हो जाते हैं।
स्थिति यह है कि छींक भी आ जाए तो परिजन के चेहरों पर चिंता की लकीरें उबर आती है। वहीं, खुद भी परेशान है कि इस उम्र में पैदल चलना वह भी गर्मी में। ऊपर से कोरोना के डर से कहीं पानी तक नहीं पी सकते। एेसे में उनके लिए यह ड्यूटी परेशानी का कारण बनी हुई है।
मिलनी चाहिए छूट- पचपन से अधिक उम्र के कार्मिकों को ड्यूटी पर नहीं लगाना चाहिए। वैसे भी अब युवा कार्मिक काफी तादाद में है इसलिए पचपन से अधिक के कर्मचारियों की जगह उनको लगाया जाए। क्योंकि बड़ी उम्र के लोगों में अमूमन बीपी, शुगर की शिकायत होती है जो गर्मी में खतरनाक हो सकती है।- घमंडाराम कड़वासरा,शिक्षक नेता राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ