नगर व क्षेत्रवासियों की जरूरतों को लेकर करीब दो दशक पूर्व तत्कालीन नगर पालिका प्रशासन ने शहीद सरदार भगतसिंह सर्किल के पास फल व सब्जी मण्डी का निर्माण करवाया था। उस समय यह पर्याप्त थी, लेकिन बीते वर्षों में शहर व क्षेत्र की बढ़ी आबादी व बढ़े फल-सब्जी कारोबार पर यह नाकाफी साबित हो रही है। इस पर पिछले लंबे वर्षों से शहर में नई सब्जी मण्डी निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है।
मण्डी संचालन की जगी उम्मीद- नगर में नई फल व सब्जी मण्डी की जरूरत को लेकर प्रदेश सरकार ने बजट स्वीकृत किया था। इस पर श्री वीर दुर्गादास कृषि उपज मण्डी परिसर में 2 करोड़ 16 लाख लागत से करीब तीन-चार वर्ष पूर्व फल व सब्जी मण्डी का निर्माण करवाया। इसमें एक प्लेटफार्म, सीसी सड़क, चैक पोस्ट, चार दिवारी का निर्माण करवाया। दुकानों के निर्माण को लेकर 34 भूखंड आवंटित किए, लेकिन एक खातेदार के उपखंड अधिकारी कार्यालय में जमीन को लेकर वाद दायर करने पर इस पर स्टे दिया गया। इस पर निर्माण के दो वर्ष बाद भी मण्डी संचालन शुरू नहीं हो पाया। जानकारी अनुसार कुछ समय पूर्व राजस्व अपील अधिकारी बाड़मेर ने स्टे खारिज किया है। इस पर मण्डी संचालन की उम्मीद जगी है।
पांच माह बाद संचालन संभव- न्यायालय के स्टे खारिज करने पर शीघ्र ही कृषि मण्डी प्रशासन चिन्हित 34 भूखंडों के लिए आवेदन आंमत्रित करेगा। इसमें फल-सब्जी लाईसेंसदार व किसान, महिला किसान, दिव्यांग व अन्य श्रेणी के लोग आवेदन कर सकेंगे। दिसम्बर के अंत तक आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने पर आवेदन पत्रों की जांच कर जनवरी के अंत तक लॉटरी से भूखंड आवंटित किए जाएंगे। दुकानें बनने में करीब तीन से चार माह का समय लगने पर अप्रेल तक मण्डी संचालन शुरू होने की उम्मीद जताई जा सकती है।
पांच माह बाद संचालन संभव- न्यायालय के स्टे खारिज करने पर शीघ्र ही कृषि मण्डी प्रशासन चिन्हित 34 भूखंडों के लिए आवेदन आंमत्रित करेगा। इसमें फल-सब्जी लाईसेंसदार व किसान, महिला किसान, दिव्यांग व अन्य श्रेणी के लोग आवेदन कर सकेंगे। दिसम्बर के अंत तक आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने पर आवेदन पत्रों की जांच कर जनवरी के अंत तक लॉटरी से भूखंड आवंटित किए जाएंगे। दुकानें बनने में करीब तीन से चार माह का समय लगने पर अप्रेल तक मण्डी संचालन शुरू होने की उम्मीद जताई जा सकती है।
आवेदन की प्रक्रिया विचाराधीन- न्यायालय ने स्टे खारिज कर दिया है। आवेदन की प्रक्रिया विचाराधीन है। शीघ्र ही आवेदन आंमत्रित किए जाएंगे। इसके बाद नियमानुसार भूखंड आवंटित किए जाएंगे। – अशोक शर्मा, सचिव कृषि उपज मण्डी बालोतरा