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कोरोना पॉजीटिव से ज्यादा हो रही है नेेगेटिव मरीजों की मौतें !

locationबाड़मेरPublished: May 17, 2021 09:17:17 pm

Submitted by:

Mahendra Trivedi

-आरटीपीसीआर में नेगेटिव आने के बाद भी टूट रहा दम-एचआरसीटी जांच में फेंफड़ों में मिल रहा संक्रमण-सीटी स्कैन में स्कोर वाले मरीज को नहीं माने जाते पॉजिटिव-केवल आरटीपीसीआर पॉजिटिव ही कोविड संक्रमित

कोरोना पॉजीटिव से ज्यादा हो रही है नेेगेटिव मरीजों की मौतें !

कोरोना पॉजीटिव से ज्यादा हो रही है नेेगेटिव मरीजों की मौतें !

बाड़मेर. कोविड के कई मरीज नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी मौत के मुहं में समा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या काफी है। वहीं एचआरसीटी जांच में स्कोर वाले मरीजों में मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसी हो रही मौतें कोविड-19 में नहीं गिनी जाती है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पॉजिटिव से ज्यादा नेगेटिव मामलों में मौतों की संख्या अधिक है। जबकि कोविड पॉजिटिव केस की मौत के मामले ही चिकित्सा विभाग उसे महामारी में गिन रहा है।
बाड़मेर जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर पॉजिटिव से ज्यादा सीटी स्कोर के मरीज भर्ती है। फेंफड़ों में संक्रमण का पता सीटी से चल पाता है। इसलिए अधिकांश लोग आरटीपीसीआर में नेगेटिव आने के बाद चिकित्सक की सलाह पर सीटी स्कैन करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि मरीज थकान और सीने में भारीपन महसूस करता है। जब सीटी जांच होती है तो उसका स्कोर सामान्य से अधिक होता है और फेंफड़े संक्रमित मिल रहे हैं।
अंतिम संस्कार की गाइडलाइन दोनों की समान
आरटीपीसीआर पॉजिटिव और सीटी में स्कोर वाले मरीज की मौत के बाद अंतिम संस्कार की गाइडलाइन एक ही है। दोनों मामलों में शव को पैक करके ही सुपुर्द किया जाता है और मोक्षधाम में संक्रमित की तरह ही सीटी स्कोर के मरीज के शव का भी दाह संस्कार उसी तरह से करने के निर्देश भी है।
स्वस्थ हो रहे मरीज तोड़ रहे दम
कई मामलों में विशेषज्ञों को भी समझ नहीं आ रहा है कि मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव होने के स्वस्थ होता दिखाई देता है और एकदम से तबीयत बिगडऩे के बाद दम टूट जाता है। ऐसे कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस तरह की मौतों में वृद्ध के साथ युवा भी शामिल हैं।
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ये ऐसे केस हैं जो आरटीपीसीआर नेेगेटिव थे, फिर भी हो गई मौत
केस.1
भूरटिया निवासी रूपसिंह (62) पुत्र गोकुलसिंह की जिला अस्पताल में शनिवार शाम मौत हुई। उनका एचआरसीटी स्कोर 8 था। उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव थी। यह मरीज अस्पताल में कोविड होने पर 5 मई को भर्ती हुआ था।
केस.2
मिठड़ा निवासी भीखगिरी (50) पुत्र देवगिरी की रविवार सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई। एचआरसीटी स्कोर 17 था। जबकि आरटीपीसीआर जांच करवाई थी तो नेगेटिव आई थी।
केस.3
शहर के गांधीनगर निवासी गुमनाराम पुत्र अलसाराम की रविवार सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई। यह मरीज 6 मई को भर्ती हुआ था। एचआरसीटी स्कोर 22 था, आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव थी।
केस.4
शहर के रॉय कॉलोनी रोड निवासी दामोदार पुत्र जयरामदास की 4 मई को जिला अस्पताल में मौत हो गई। कोविड-19 रिपोर्ट दो दिन पहले नेगेटिव आ गई थी। मौत का कारण अस्पताल में हार्ट अटैक से होना बताया गया।
केस.5
विष्णुकॉलोनी निवासी पांचोदेवी (55) पत्नी केसाराम की जिला अस्पताल में शनिवार को मौत हुई। एचआरसीटी स्कोर 17 था। इनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट 12 मई को नेगेटिव आ गई थी। महिला अस्पताल में 8 मई को भर्ती हुई थी।
मरीज देरी से आते हैं अस्पताल
किसी व्यक्ति में संक्रमण 7-10 दिन तक रहता है। इसके बाद उसकी आरटीपीसीआर जांच होती है तो वह अधिकांश मामलों में नेगेटिव आती है। लेकिन संक्रमण की शुरूआत से ही फेंफड़ों पर घातक वार शुरू हो जाता है। ज्यादातर मरीज अस्पताल आने में देरी करते हैं और गंभीर स्थिति में पहुंचने से उनकी मौत हो जाती है।
डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ बाड़मेर
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