जबकि दो लाख ऋणी किसानों का फसल बीमा अंतिम तिथि के दिन शाम तक अधरझूल था। हालांकि बैंक का दावा है कि ऑनलाइन ऋण के लिए जिसने आवेदन किया है, उनकी फसल का बीमा देर शाम तक किया जाएगा।
ऋण वितरण प्रणाली के ऑनलाइन होने के बाद किसानों के लिए फसली ऋण गले की फांस बन गया है। खरीफ बुवाई से पहले मिलने वाला ऋण तीन माह बीतने के बावजूद नहीं मिल पाया है। यहां जिले में 2 लाख किसान ऋणी है। जबकि ऑनलाइन आवेदन महज 1 लाख 35 किसान कर पाए हैं।
वहीं 60 हजार किसान आवेदन करने से वंचित रह गए। बैंक के अधिकारियों ने दावा किया है कि 1 लाख 35 हजार किसानों का फसल बीमा हो जाएगा। लेकिन 60 हजार आवेदन से वंचित रहे किसानों की फसल खराब होने पर क्या होगा? अब किसान ई-मित्र का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिल पा रहा है।
3 साल से अकाल की मार जिले में लगातार 3 साल से किसान अकाल की मार झेल रहे हैं। हालांकि गत साल सरकार ने यहां 700 करोड़ का फसली वितरित कर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की थी। लेकिन इस बार सरकार ऋण वितरण करने में विफल हो गई। जुलाई बीतने के बावजूद महज 8 करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा करवा पाई है।
फैक्ट फाइल – 1 लाख 95 हजार ऋणी किसान
– 284 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं जिले में – 600 करोड़ का इस साल ऋण वितरण का लक्ष्य
– 8 करोड़ वितरण हुआ ऋण
– 284 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं जिले में – 600 करोड़ का इस साल ऋण वितरण का लक्ष्य
– 8 करोड़ वितरण हुआ ऋण
– 1 लाख 35 हजार हुए ऑनलाइन आवेदन
– 60 हजार किसानों की फसल का नहीं होगा बीमा – ऋणी किसानों का बीमा हम करेंगे ऑनलाइन ऋण के लिए 1 लाख 35 हजार आवेदन हुए हैं। इनका फसल बीमा बैंक करवाएगी। रात 12 बजे तक हम बीमा कर देंगे। आठ करोड़ ऋण वितरण हुआ है।
– 60 हजार किसानों की फसल का नहीं होगा बीमा – ऋणी किसानों का बीमा हम करेंगे ऑनलाइन ऋण के लिए 1 लाख 35 हजार आवेदन हुए हैं। इनका फसल बीमा बैंक करवाएगी। रात 12 बजे तक हम बीमा कर देंगे। आठ करोड़ ऋण वितरण हुआ है।
– हरिराम पूनिया, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक, दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक