यह कहना है कि श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के 16 मढ़ी भूखार हिंगलाज मठ झूपा (समदड़ी) बाड़मेर के अष्टकौशल महंत मृत्युजंय पुरी महाराज का। राम मंदिर निर्माण के सवाल पर महंत मृत्युजंय ने कहा कि संत-महात्मा भी सरकार की भूमिका एवं कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब वह इंतजार भी खत्म हो गया है।
अब अखाड़ों के संत निर्णायक मूड में है। जरूरत पडऩे पर संत-महात्मा अयोध्या जाकर धूणा जमा लेंगे। संत एक हाथ से माला जपना जानते हैं तो दूसरे हाथ से भाला चलाना भी जानते हैं। अखाड़ों से जुडऩे वाले युवा संतों युद्ध कौशल में धर्म की रक्षा के लिए ही पारंगत किया जाता है, ताकि धर्म की रक्षा की जा सके।
महाराज ने बताया कि 10 फरवरी के बाद अखाड़ों के अधिकतर संत काशी जाएंगे और वहां पर धर्म-साधना व चिन्तन करेंगे। संतों के चिन्तन व साधना के जरिए देश आगे बढ़ सकता है। कुंभ मेले की व्यवस्था के सवाल पर महाराज ने कहा कि इस बार व्यवस्था अच्छी है। बरसात की वजह से कुछ व्यवस्थाएं प्रभावित हुई है। लेकिन वषज़् 2013 की तुलना में इस कुंभ में बेहतर व्यवस्थाएं हैं।