script8 दिसंबर 1971: बौखलाए पाक ने बाड़मेर शहर पर बरसाए बम | December 8, 1971: Infuriated Pak hurled bombs on the city of Barmer | Patrika News
बाड़मेर

8 दिसंबर 1971: बौखलाए पाक ने बाड़मेर शहर पर बरसाए बम

7 दिसंबर 1971 को बाड़मेर से निकली सेना ने छाछरो फतेह कर लिया तो बौखलाए पाकिस्तान ने बाड़मेर को ही तबाह करने की योजना बना डाली। 13 बार की उड़ान में पाकिस्तानी विमानों ने बाड़मेर पर हमले किए। बाड़मेर शहर केा तबाह करने के लिए 05 बम गिराए तो जिले में अन्यत्र भी हमला बोला। बाड़मेर शहर के लोग ऐसे एकजुट हुए कि न केवल बाड़मेर को बड़ी तबाही से बचाया बल्कि पाकिस्तान के इरादों को भारतीय वायुसेना ने नस्तेनाबूद कर दिया।

बाड़मेरDec 08, 2021 / 12:18 pm

Ratan Singh Dave

8 दिसंबर 1971: बौखलाए पाक ने बाड़मेर शहर पर बरसाए बम

8 दिसंबर 1971: बौखलाए पाक ने बाड़मेर शहर पर बरसाए बम

बाड़मेर पत्रिका.
7 दिसंबर 1971 को बाड़मेर से निकली सेना ने छाछरो फतेह कर लिया तो बौखलाए पाकिस्तान ने बाड़मेर को ही तबाह करने की योजना बना डाली। 13 बार की उड़ान में पाकिस्तानी विमानों ने बाड़मेर पर हमले किए। बाड़मेर शहर केा तबाह करने के लिए 05 बम गिराए तो जिले में अन्यत्र भी हमला बोला। बाड़मेर शहर के लोग ऐसे एकजुट हुए कि न केवल बाड़मेर को बड़ी तबाही से बचाया बल्कि पाकिस्तान के इरादों को भारतीय वायुसेना ने नस्तेनाबूद कर दिया।
8 दिसंबर की रात को जिला कलक्टर आइसी श्रीवास्तव अपने घर पर थे तभी उनको संदेश आया कि पाकिस्तान हमला करने वाला है। श्रीवास्तव ने तुरंत ही इसके लिए एसपी शांतनुकुमार को संपर्क के लिए कॉल किया, बाड़मेर गढ़ पर बैठे शांतनुकुमार को कलक्टर ने कहा कि उत्तरलाई से संदेश है, पाकिस्तान बाड़मेर शहर पर हमला करने वाला है। शांतनुकुमार ने कहा,साहब यह तो हो गया। गढ़ से उन्हें रेलवे स्टेशन सामने नजर आ रहा था और वहां बम गिराकर उसी वक्त पाकिस्तानी विमान मुड़ गया था।
रेलवे स्टेशन का मालगोदाम पर बम गिरा
रेलवे स्टेशन के मालगोदाम पर जहां भारतीय सेना के लिए राशन, डीजल व अन्य सामग्री आती थी पाकिस्तान ने इसको निशाना बनाया था और यहां रेलवे स्टेशन पर बम गिरते ही धमाका हुआ और ब्लैकऑउट में घरों में बंद सारे लोग छत पर चढ़ गए और उन्होंने देखा कि कहां पर बम गिरा है।
लोगों की बहादुरी को सेल्युट
सामने ही अम्बर टॉकीज और बाजार था। यहां से युवक दौड़े तो इधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चालीस के करीब कार्यकर्ता तुरंत ही भागकर आ गए और रेलवे की दीवार फांदकर अंदर घुसे। यहां पर रेल के डिब्बों में आग लगी थी। इन युवकों, स्वयंसेवकों व विद्यार्थियों ने तत्काल ही सामान को बाहर फेंकना शुरू कर दिया।
बडी़ तबाही से बचा बाड़मेर
पाकिस्तानी विमान ने इस दौर में दूसरा बम फेंक दिया,जो मालगोदाम को टारगेट था। आग लगी तो नजर गई कि सामने मालगोदाम के छपरे में डीजल के 200 से अधिक ड्रम पड़े है। इन ड्रम को देखते ही सबके होश उड़ गए। एक क्षण सोचा और भारत माता की जय के नारे के साथ ही सारे दौड़ पड़े और ड्रम को एक-एक कर लुढकाते हुए सड़क पार कर अंबर टॉकीज के पास की जमीन तक लेकर गए। वीरता, साहस और निर्णयक्षमता देखिए यह कार्य कुछ ही क्षणों में हो गया और शहर बड़ी तबाही से बच गया।
कलक्टर-एसपी पहुंचे रेलवे स्टेशन
पुलिस अधीक्षक शांतनुकुमार जीप लेकर कलक्टर आइसी श्रीवास्तव के पास पहुंचे और मेरे पास आए थे। हम लोग 15 दिन से सोए नहीं थे। उनकी जीप में बैठकर हम रवाना हुए थे। मुझे जगाया नहीं गया था, वो लेने आए थे। हम दोनों जीप में सवार होकर वहां पहुंचे थे। वहां रेलवे स्टेशन जल रहा था और बममारी के कारण आग लगी थी।
पत्रिका- कोई घटना जो देखकर आप एकदम से सिहर गए हों?
श्रीवास्तव- हां, वहां जाते ही एक सिक्ख सैनिक था। जिसका कंकाल या यों कहिए शरीर का एक हिस्सा पड़ा था, जिसमें केवल घड़ी दिख रही थी। बम ने इस सैनिक को की यह हालत कर दी थी, देखते ही सिहर उठे थे। इस हालत में पहली बार किसी सैनिक को देखा था।
पत्रिका- फिर किस तरह से स्थितियों को नियंत्रित किया गया?
श्रीवास्तव- आग को बुझाना पहला काम था। दोनों सिनेमाघर तक आग पहुंच जाती तो मुश्किल हो जाती, पीछे बस्ती थी। यहां गोदाम में डीजल के ड्रम भरे थे। आग बुझाने के लिए मेरी पत्नी अचज़्ना श्रीवास्तव ने एक सलाह दी कि पानी नहीं हों तो रेत से आग बुझाई जा सकती है। फिर हमने तत्काल रेत का प्रबंध किया और पानी का भी। उस वक्त बाड़मेर के लोगों ने ड्रम को धकेलकर बहादुरी के साथ में अलग किया था और रेल की बोगियों को भी, यह होने से बड़ा नुकसान होने से बच गया था।
पत्रिका-आपका भी एक एक्सीडेंट हुआ और जान बची थी?
श्रीवास्तव- हां, मैं और पुलिस अधीक्षक जीप से जा रहे थे। टेलीफोन एक्सचेंज,अस्पताल के आगे एक रेत से भरा ट्रक आ रहा था। घना अंधेरा था तो वह नजर नहीं आया। जैसे ही 10-12 फीट दूर रहा, अचानक एसपी की नजर पड़ी और उन्होंने जीप का स्टेयरिंग घुमाया। हमारी जीप सामने एक्सचेंज के खंभे से टकराई आर पीछे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

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