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गिरल लिग्नाइट खदान : ग्रामीणों का आक्रोश, सरकार रोजगार दिलाएं

locationबाड़मेरPublished: Dec 14, 2019 11:51:51 am

– गिरल लिग्नाइट खदान में रोजगार की मांग, तीन गांव के लोग बैठे धरने पर
 

Giral lignite mine

Giral lignite mine

बाड़मेर.गिरल लिग्नाइट खदान में रोजगार की मांग को लेकर गिरल लिग्नाइट माइंस ड्राइवर यूनियन के बैनर तले तीन गांवों के सैकड़ों लोग शुक्रवार को आरएसएमएमएलएल कार्यालय के आगे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि खदान से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व मिल रहा है। इसके बावजूद प्रभावित गांवों में रोजगार व विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। यहां धुएं के फैलाव से प्रदूषण ग्रामीणों के लिए खतरा बना हुआ है। प्रदूषण से होने वाले नुकसान को लेकर सरकार की ओर से सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार महज कागजी खानापूर्ति कर रही है। वहीं बेरोजगारों युवाओं को कंपनी रोजगार दिलाने में विफल है।
धरने की जानकारी पर आरएसएमएमएलएल कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने धरनार्थियों से चर्चा कर आश्वस्त किया। इसके बावजूद ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। इस मौके पर कैप्टन हीरसिंह भाटी, जोगाराम चौधरी, सरपंच शंकरलाल, रामाराम, वीरसिंह थुम्बली, अंदरदान चारण, पृथ्वीसिंह, खुमाणसिंह थुम्बली, विक्रमसिंह सहित गिरल, थुम्बली, जालेला, खेजड़ली व अन्य गावों के ग्रामीण मौजूद रहे। धरनास्थल पर गांव की महिलाएं भी शामिल हुई। ग्रामीणों की ओर से गठित कमेटी ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
यह है ग्रामीणों की प्रमुख मांग
– स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता
– खनन खदान में आस्था का मंदिर का सम्पूर्ण निर्माण व विकास
– खनन से उडऩे वाले धुएं व राख का स्थायी निराकरण
– प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा का प्रावधान
– भाडखा से आकली के बीच क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण
– प्रभावित गांवों को बिजली-पानी एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना
– अग्निशामक यंत्र एवं एम्बुलेंस प्रभावित गांवों तक मिलें
– सीएसआर के तहत सार्वजनिक विकास कार्य
– खनन भूमि के आस-पास गोचर भूमि को खोदा न जाए
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