इससे पहले शव उठाने से इनकार व मोर्चरी के बाहर आक्रोशित लोगों की भीड़ बढ़ती देख पुलिस-प्रशासन की सांसें फूली रही। सुबह से समाज के लोग व जनप्रतिनिधि जुटने लगे और कार्रवाई की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। इसके बाद युवा आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आक्रोश रैली के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताया। यहां व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस के दो डिप्टी व सात थानाधिकारी सहित कंट्रोल रूम का जाब्ता तैनात रहा।
यूं चली समझौता वार्ता
मोर्चरी के बाहर समाज के लोगों की उपखण्ड अधिकारी व डिप्टी के साथ वार्ता हुई है लेकिन लोग संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद ये लोग कलक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के साथ करीब एक घंटे तक वार्ता की। उन्होंने शिव थाने में दर्ज हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच कर तत्काल तीन नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी की मांंग व मृतक के परिवार को सरकारी नियमों के अनुसार मुआवजा दिलाने की मांग की। इस मौके पर पूर्व सांसद हरीश चौधरी, विधायक कैलाश चौधरी, डालूराम चौधरी, बांकाराम सियाग, नरसिंग कड़वासरा, लक्ष्मणसिंह गोदारा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
मोर्चरी के बाहर समाज के लोगों की उपखण्ड अधिकारी व डिप्टी के साथ वार्ता हुई है लेकिन लोग संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद ये लोग कलक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के साथ करीब एक घंटे तक वार्ता की। उन्होंने शिव थाने में दर्ज हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच कर तत्काल तीन नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी की मांंग व मृतक के परिवार को सरकारी नियमों के अनुसार मुआवजा दिलाने की मांग की। इस मौके पर पूर्व सांसद हरीश चौधरी, विधायक कैलाश चौधरी, डालूराम चौधरी, बांकाराम सियाग, नरसिंग कड़वासरा, लक्ष्मणसिंह गोदारा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
यह था घटनाक्रम
बीसूकला मार्ग पर सोमवार को कार पलटने के बाद भूणिया निवासी मोहनलाल की मौत हो गई। इस मामले में परिजन ने युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया। लगभग 26 घंटे मोर्चरी के बाहर धरना चला।
बीसूकला मार्ग पर सोमवार को कार पलटने के बाद भूणिया निवासी मोहनलाल की मौत हो गई। इस मामले में परिजन ने युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया। लगभग 26 घंटे मोर्चरी के बाहर धरना चला।