जिला सीमा के गांवों से जिला मुख्यालय बाड़मेर की दूरी 160 से 180 किलोमीटर होने पर आमजन परेशान है। स्थिति यह है कि साधनों के अभाव में आमजन अपनी समस्या को लेकर बाड़मेर नहीं पहुंच पाता। वहीं, कार्य की अधिक व्यस्तता पर जिला कलक्टर व जिला स्तरीय अधिकारी सीमांत गांवों तक पहुंच आमजन की समस्याएं सुन व समाधान नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति से आमजन परेशान है।
परिवादियों की भी पीड़ा- बाल अपचारी एक्ट, पोक्सो एक्ट, विद्युत अधिनियम एक्ट में दर्ज मामले बालोतरा व क्षेत्र के सिवाना, पचपदरा, समदड़ी, कल्याणपुर, मण्डली पुलिस थाने में दर्ज होते हैं। इन सब एक्ट में दर्ज मामलों की सुनवाई जिला मुख्यालय स्थिति विशिष्ट न्यायालय में होती है। किराया अधिकरण अपीलों की सुनवाई भी बाड़मेर विशिष्ट न्यायालय में होती है। इस पर सुनवाई से न्याय पाने तक को लेकर परिवादियों व अभियुक्तों को बाड़मेर मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। गवाहों के बयान के लिए उन्हें बाड़मेर ले जाना होता है। वर्ष में शहर बालोतरा व क्षेत्र के विभिन्न पुलिस थानों में इन अधिनियमों के कई मामले दर्ज होते हैं। इस पर लंबे समय से शहर व क्षेत्र के लोगों की मांग है कि बालोतरा को जिला बनाया जाए।
बालोतरा को बनाएं जिला-
बालोतरा को बनाएं जिला-
बालोतरा व क्षेत्र के पुलिस थानों में बाल अपचारी एक्ट, पोक्सो एक्ट, विद्युत अधिनियम एक्ट में दर्ज मामलों की सुनवाई बाड़मेर विशिष्ट न्यायालय में होती है। क्षेत्र से जिला मुख्यालय की अधिक दूरी व साधनों के अभाव में परिवादियों को परेशानियां उठानी पड़ती है। इस पर सरकार बालोतरा को जिला बनाएं।-
उमरदीन मेहर अधिवक्ता
उमरदीन मेहर अधिवक्ता
आमजन परेशान- शहर व क्षेत्र से जिला मुख्यालय की अधिक दूरी से आमजन परेशान है। समस्या होने के बावजूद आमजन जिला मुख्यालय पहुंच नहीं पाता। कार्य की व्यस्तता पर अधिकारी क्षेत्र में कम आते हैं। सरकार क्षेत्र के विकास के लिए बालोतरा को जिला बनाएं।
पारस सुथार
पारस सुथार