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जिला मुख्यालय दूर, संभाग पास, बालोतरा जिले बनने की आस

locationबाड़मेरPublished: Feb 11, 2018 11:19:42 pm

Submitted by:

Dilip dave

– बालोतरा बने जिला तो मिटे परेशानी

बालोतरा

बालोतरा

अभियान… बालोतरा बोलेगा तो सुनेगी सरकार…
पाटोदी. पंचायत समिति मुख्यालय पाटोदी उपखंड मुख्यालय बालोतरा से 35 किलोमीटर दूर है। समिति क्षेत्र के गांवों की बालोतरा से दूरी ओर भी अधिक है। पाटोदी व क्षेत्र के गांवों से जिला मुख्यालय बाड़मेर के लिए कोई सीधा साधन नहीं है। इस पर बालोतरा होकर बाड़मेर पहुंचने में ही आधा से अधिक दिन बीत जाता है। सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणों को एक से अधिक बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस पर क्षेत्र भर के लोगों की मांग है कि प्रदेश सरकार बालोतरा को जिला बनाएं।
पाटोदी व क्षेत्र के गांवों से जिला मुख्यालय की अधिक दूरी व साधनों की बड़ी कमी इनके लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुई है। पाटोदी व क्षेत्र के आसपास से गांवों से कोई स्टेट हाईवे मार्ग नहीं गुजरता है। इस पर कस्बे पाटोदी व समिति क्षेत्र की 21 ग्राम पंचायतों का जिला मुख्यालय से सीधा सम्पर्क नहीं है। बाड़मेर के लिए इन सभी गांवों के बाशिंदों को पहले बालोतरा पहुंचना पड़ता है। यहां से रेलगाड़ी व बसें पकड़ बाड़मेर पहुंचते हैं। पाटोदी से जिला मुख्यालय की दूरी 140 किलोमीटर है। ओकातिया बेरा, नवातला, बडऩावा, बागावास, बाणियावास, दुर्गापुरा व सिमरखिया आदि की दूरी 200 किमी से अधिक है। ओकातिया बेरा से जोधपुर से 50 किमी तो बाड़मेर 230 किलोमीटर दूर है। कस्बे व क्षेत्र से साधनों के अभाव में जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए ग्रामीणों को सुबह जल्दी उठकर घर छोडऩा पड़ता है। कई यातयात साधनों को पकड़ते के हुए वे दोपहर बाद बाड़मेर पहुंचते हैं।
लौटते हैं बैरंग- बाड़मेर पहुंचने पर ही उनकी परेशानी खत्म नहीं होती। वहां अधिकारियों के बैठकों व अथवा क्षेत्र के दौरे पर होने पर इन्हें बैरंग घरों को लौटना पड़ता है। वापसी में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए साधनों का अभाव होने पर इन्हें अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। मध्यान्ह बाद बाड़मेर छोडऩे के बावजूद ये रात को आठ-नौ बजे घर पहुंचते हैं। सामान्य कार्य के लिए भी इन्हें कई चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे समय व धन की बड़ी बर्बादी होती है। इस पर लंबे समय से ग्रामीण बालोतरा को जिला बनाने की मांग कर रहे हंै।
सरकार बालोतरा को बनाएं जिला- पाटोदी व क्षेत्र के गांवों से बाड़मेर की दूरी अधिक है। बाड़मेर पहुंचने में ही आधा दिन बीत जाता है। अंतिम छोर स्थिति गांवों के ग्रामीण पहुंच ही नहीं पाते हैं। सरकार बालोतरा को जिला बनाएं। – अमरेखां कलर, अध्यक्ष सरपंच संघ पाटोदी व सरपंच केशरपुरा
महिला प्रतिनिधि नहीं पहुंच पाती- बाड़मेर की दूरी अधिक होने पर महिला जनप्रतिनिधि जिला मुख्यालय पहुंच ही नहीं पाती है। इससे वे समस्याओं व विकास की बात नहीं रख पाती है। बालोतरा को जिला बनाएं। – सुर्यकान्ता जाट, सरपंच साजियाली रूपजीराजा बेरी
अधिकारी आसानी से नहीं मिलते- जिला मुख्यालय पहुंचने के बावजूद अधिकारियों के बैठकों व क्षेत्र के दौरे पर होने पर वे आसानी से नहीं मिलते हैं। एक से अधिक बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। समय व धन की बर्बादी होती है। सरकार बालोतरा को जिला बनाएं। – मिश्रीमल आचार्य, पाटोदी

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