लेकिन निर्माण के एक वर्ष बाद भी चिकित्सक का पद रिक्त होने पर उपचार को लेकर रहवासियों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है। उपचार के लिए बालोतरा दौड़ लगानी पड़ती है। यहां पहले से ही मरीजों की भीड़ पर उपचार को लेकर इन्हें अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार के रिक्त पद को नहीं भरने से रहवासियों में अधिक रोष है।
नगर के लूनी नदी के दूसरे छोर स्थित आवासन मण्डल कॉलोनी में 30 से अधिक वर्षों से 800 से अधिक निवास कर रहे हैं। यहां उपचार की व्यवस्था नहीं होने व इसके लिए बालोतरा तक दौड़ लगाने पर कई वर्षों से रहवासी चिकित्सालय निर्माण व संचालन की मांग कर रहे थे।
इनकी मांग पर करीब दो वर्ष पूर्व सरकार ने शहरी स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत यहां प्राथमिक चिकित्सालय स्वीकृत किया था। लंबे इंतजार के बाद नगर परिषद के भूखंड आंवटित करने पर सरकार ने योजना के तहत लाखों रुपए खर्च चिकित्सालय का निर्माण करवाया था।
इस पर आवासन मण्डल व इससे जुड़े गांवों के ्र्रग्रामीणों ने बेहतर उपचार मिलने को लेकर कई सपने संजोए थे। लेकिन निर्माण व संचालन बाद से आज दिन तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यहां स्थाई चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की। दो माह से अधिक समय से चिकित्सक का पद रिक्त है।
इस पर उपचार को लेकर आवासन मण्डल व क्षेत्र के लोगों को आज भी पहले की तरह परेशानियां उठानी पड़ती है। उपचार के लिए बालोतरा दौड़ लगानी पड़ती है। आवासन मण्डल व गांवों से बालोतरा 5 से 8 किमी दूर होने, बालोतरा चिकित्सालय में पहले से ही मरीजों की भीड़ होने पर उपचार को लेकर मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है।
उपचार के लिए घंटों घंटों पैरों पर खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है। वर्तमान में चिकित्सालय में दो कम्पाउण्डर कार्यरत है। उपचार की बेहतर सुविधा नहीं मिलने पर लंबे समय से रहवासी व ग्रामीण चिकित्सालय में चिकित्सक लगाने की मांग कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि व अधिकारी इन्हें शीघ्र नियुक्ति करने का झूठा आश्वासन भर दे रहे हैं। इससे लोगों में अधिक रोष है।
कई माह से पद रिक्त चिकित्सालय में कई माह से चिकित्सक का पद रिक्त है। इस पर उपचार के लिए आज भी बालोतरा दौड़ लगानी पड़ती है। यहां पहले से अधिक भीड़ पर उपचार के लिए घंटों पैरों पर खड़ा रहना पड़ता है। सरकार जनहित में चिकित्सक की नियुक्ति करें।
चन्दनसिंह राठौड़ जाना पड़ता है बालोतरा लाखों रुपए खर्च कर चिकित्सालय निर्माण करने के बावजूद इसका कोई फायदा नहीं है। चिकित्सक नहीं होने पर हर दिन दर्जनों जनों को बालोतरा पहुंचना पड़ता है। इससे बच्चों, महिलाओं व बुर्जुगों को अधिक परेशानी होती है। विभाग पद भरें।
शैतानसिंह राजपुरोहित