तालाब का गन्दा, दूसरा नसीब नहीं- अर्थण्डी गांव में गांवई तालाब के अलावा पेयजल का दूसरा कोई स्रोत नहीं है। बरसात में तालाब पानी से भर जाने के बाद कई महीनों तक ग्रामीण व पशु इससे प्यास बुझाते हैं। अब पशुओं के तालाब में मलमूत्र विसर्जन करने से पानी दूषित हो गया है। पानी पीने लायक नहीं रहा। अर्थण्डी को समदड़ी खण्डप पेयजल योजना से एक साल पूर्व जोड़ा गया था, लेकिन पानी की टंकी 15 किलोमीटर दूर होने व कम्मों का बाड़ा से रातड़ी होकर जोडऩे से पेयजल लाइन से अर्थण्डी गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है ।
मोल पानी खरीदने को विवश – बार-बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं होने से ग्रामीण तीस किलोमीटर दूर से पन्द्रह सौ रुपए प्रति टैंकर के देकर मोल पानी खरीदने को मजबूर है। सम्पन्न लोग पानी मोल खरीद जरूरतें पूरी कर लेते हैं, लेकिन गरीब परिवार रुपए के अभाव में तालाब का गन्दा पानी पीने को विवश है ।
समाधान नहीं तो धरने की चेतावनी – बढ़े पेयजल संकट व समस्या का समाधान नहीं होने से परेशान ग्रामीण बुधवार को तालाब का गंदा पानी बोतल में भरकर तहसील मुख्यालय पहुंचे। तहसीलदार सुरेन्द्रसिंह खंगारोत को तालाब का गन्दा पानी दिखाते हुए कहा कि वे ऐसा गन्दा पानी पीने को मजबूर है। एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान करने पर उन्होंने धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर अशोकसिंह राजपुरोहित, लक्ष्मणसिंह, चम्पालाल, हरचन्दसिंह, सहदेवसिंह, राधेश्याम, हरीश अर्थण्डी आदि मौजूद थे ।