इन शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी तो पता चला कि अधिकांश शिक्षक ऐसे लगा दिए जिनका कोरोना टीकाकरण नहीं हुआ है। गौरतलब है कि जिले में करीब दस हजार शिक्षक माध्यमिक शिक्षा के तहत कार्यरत है जिसमें करीब चार हजार का टीकाकरण अब तक नहीं हुआ है।नहीं माना फ्रंट लाइन वर्कर- माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों को सरकार ने फ्रंट लाइन वर्कर नहीं माना। ऐसे में ये शिक्षक प्राथमिकता से टीकाकरण नहीं करवा पाए, हालांकि 45 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों में से काफी ने तो आम नागरिक की तरह टीका लगवा लिया, लेकिन युवा शिक्षक अभी भी इससे वंचित है।बाड़मेर में पहले लगाई ड्यूटी विरोध पर हटाया- बाड़मेर में कोविड केयर सेंटर पर पहले शिक्षकों की निगरानी को लेकर ड्यूटी लगाई गई। इसके बाद शिक्षकों ने विरोध किया तो एक दिन बाद ही आदेश को निरस्त कर दिया।
हालांकि आदेश निरस्त तो हो गया लेकिन सवाल यह है कि अब तक इन शिक्षकों का टीकाकरण क्यों नहीं हुआ है। सरकार कब आदेश जारी करेगी। फ्रंट लाइन वर्कर माने, करे टीकाकरण- कोरोनाकाल में माध्यमिक शिक्षा के अध्यापक भी फ्रंट लाइन वर्कर की तरह कार्य कर रह हैं। सरकार को इनको भी फ्रंट लाइन वर्कर मानना चाहिए। टीकाकरण के बिना किसी भी शिक्षक की निगरानी कमेटी, सर्वे समिति या अन्य कोरोना कार्य में ड्यूटी नहीं लगानी चाहिए।- बनाराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील