उन्होंने कहा कि प्रणाम, अभिवादन, वंदन से हमारे चरित्र का विकास होता है। संरक्षक सदस्य ताराचंद जाटोल ने स्वागत अभिभाषण देते हुए परिषद की स्थापना उद्देश्य कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समर्थ और संस्कारित भारत के लिए संस्कारवान बालकों का निर्माण होना आवश्यक है, जिससे देश स्वस्थ और समर्थ बन सके।
प्रकल्प प्रभारी बाबूलाल शर्मा ने कहा कि प्राचीन गुरुकुल की शिक्षा में हमे नैतिक शिक्षा, संस्कार, सामाजिक दायित्वों की जानकारी दी जाती थी। आज हमारी संस्कृति के पुनस्र्थापन के लिए यह आवश्यक है। विशिष्ठ अतिथि विशनाराम बाकोलिया ने राष्ट्र के प्रति निष्ठा, राष्ट्रीयता की भावना की शपथ दिलवाई। संस्था प्रधान शांति चौधरी ने कहा कि परिषद द्वारा समग्र विकास के लिय संस्कार प्रकल्पो के माध्यम से अनुकरणीय और प्रेरणायुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, एेसे आयोजनों से बालकों में संस्कारित गुण का बीजारोपण होना निश्चित है।
शाखा सचिव महेश सुथार ने बताया कि अतिथियों ने विद्यालय के 17 गुरुजन का वंदन व 9 बालकों का अभिनंदन करते हुए प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह प्रदान किए। वित सचिव राजेंद्र बिंदल ने आभार व्यक्त किया।
शाखा अध्यक्ष किशोर शर्मा ने संस्था प्रथान को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।