गौरतलब है कि सरकारी विद्यालयों में करीब पांच लाख नामांकन बढ़ा है जिसके आधार पर स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार पदों की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा को लेकर प्रक्रिया आरम्भ हुई थी। इसमें विभिन्न विद्यालयों में नामांकन, वर्तमान में शिक्षकों के पदों की स्थिति संकलित की थी। इसके आधार पर सरकार की ओर से बनाए स्टाफिंग पैटर्न के नियमों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा की जिसके बाद प्रदेश में करीब दस हजार शिक्षकों के नए पद बढ़ेंगे।
स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार उक्त पद विद्यालयों में स्वीकृत होंगे। 24०० अध्यापक हुए अधिशेष– समीक्षा के आधार पर जिले में 24०० शिक्षक प्राथमिक शिक्षा में अधिशेष हुए हैं यानि नामांकन के अनुसार कई विद्यालयों में अध्यापक अधिक लगे हुए हैं। एेसे में इन अधिशेष शिक्षकों को रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। इसको लेकर १९ व २० जनवरी को अधिशेष कार्मिकों की मैपिंग व सूचियां का प्रकाशन होगा। २१ से २४ जनवरी तक ऑनलाइन काउंसलिंग होगी जबकि २५ जिला स्थापना समिति से अनुमोदन होगा। तीसरी बार स्टाफिंग पैटर्न- गौरतलब है कि प्रदेश में स्टाफिंग पैटर्न २०१६ में पहले लागू किया गया। इसके बाद २०१९ में द्वितीय बार व २०२१ में प्राथमिक शिक्षा में २८ दिसम्बर को तीसरी बाद इसकी समीक्षा की गई जिसके आधार पर पद बढ़ाए गए हैं।
स्टाफिंग पैटर्न से मिलेगा फायदा– स्टाफिंग पैटर्न की प्राथमिक शिक्षा में तीसरी बार समीक्षा की गई है। माध्यमिक में एक बार भी नहीं हुई है। प्राथमिक शिक्षा को स्टाफिंग पैटर्न का फायदा मिलेगा।- बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा