बाड़मेर

भगवान करे, इमरजेंसी ना पड़े…

भगवान करे बाड़मेर अस्पताल में इमरजेंसी ना पड़े…इमरजेंसी वार्ड पहुंचना और इलाज करवाना दोनों के लिए गंभीर मरीज के लिए खतरा खड़ा कर देती है। अस्पताल प्रबंधन ने पता नहीं किस सूझबूझ और दूरदर्शिता से इस जगह का चयन किया है, यह मरीजों के लिए तो ठीक नहीं है। पहले जहां अस्पताल में प्रवेश करते ही इमरजेंसी वार्ड और उपचार की बेहतर व्यवस्था थी ..वैसा अब नहीं।

बाड़मेरAug 31, 2019 / 04:52 pm

भवानी सिंह

Emergency ward in a hall of Trauma Center, no room for doctor to sit

भवानीसिंह राठौड़
बाड़मेर. गंभीर हालात में आने वाले मरीज की जान बचाने के लिए एक-एक सैंकड कीमती होता है लेकिन जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड अस्पताल के पिछले हिस्से में एक कोने में बना दिया गया है। ऐसे में यहां प्रतिदिन पहुंचने वाले गंभीर मरीजों व परिजन को परेशान होना पड़ रहा है।
यों समझें इमरजेंसी वार्ड की समस्या

1. बढ़ा दी दूरी और समय

गंभीर मरीज के लिए एक-एक पल कीमती रहता है, पहले जहां अस्पताल गेट में घुसते ही वार्ड था अब इसको पचास मीटर ज्यादा पीछे कर दिया है, जाहिर है वाहन को मोडऩे और ले जाने में समय और दूरी बढ़ी है।
2. सड़क की हालत खराब

अब पीछे जाने को पहले सड़क पर मोड़ है, फिर हल्की ऊंचाई और फिर दूसरा मोड़। इस पर सड़क भी खस्ताहाल। बालमंदिर स्कूल की आेर से एक क्रॉस और सामने से भी एक सड़क। यानि चार बाधाएं सड़क पर हैं।
3. आगे ट्रेफिक की समस्या

ट्रोमा सेंटर व नए भवन के आगे दुपहिया वाहन खड़े रहते हंै, लिहाजा यहां पर भी इमरजेंसी में आने वाली एम्बुलेंस को परेशानी उठानी पड़ती है।

सबसे बड़ी परेशानी: आपात वार्ड खुद बीमार
इमरजेंसी वार्ड के भीतर प्रवेश करते ही मरीज और परिजन के चेहरे पहले से ही उतर जाते हैं। एक हॉल में कोलाहल, अशांति, अव्यवस्था सभी एक साथ यहां नजर आती है। डॉक्टर कहां बैठे हैं, नर्सिंग कर्मचारी कौन है, कौन ईसीजी करेगा, कौन मरीज है और कौन कर्मचारी कुछ पता नहीं लगता।
एेसे लगता है कि किसी हॉल में आकर खड़े हो गए हैं जहां जवाबदेह कौन यह पता लगाना भी मुश्किल। पूर्व में एक अलग से कमरा था जहां नर्सिंग स्टाफ अपनी ड्रेस में 24 घंटे नजर आता था और सामने ही ड्यूटी डॉक्टर का कक्ष।
सिटी स्कैन भी दूर

इमरजेंसी वार्ड के हिसाब से ही सिटी स्कैन ठीक सामने लगा था, अब सिटी स्कैन भी दूर हो गया है। घायल अवस्था में आने वाले मरीजों को सिटी स्कैन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक्सरे,लैब व अन्य सुविधाएं भी इतनी ही दूरी पर हैं।
परिजन बोले

– गंभीर परेशानी है

अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड मुख्य गेट पर होना चाहिए। वर्तमान में इमरजेंसी वार्ड गलत जगह बना दिया है। यह मरीजों के लिए आफत बना हुआ है।
– मनीष सोनी, स्थानीय निवासी

– पता नहीं चल रहा

जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड का किसी को पता भी नहीं चल रहा है। ट्रोमा सेंटर के हॉल में संचालित किया जा रहा है। यहां कोई सुविधा नहीं है।
– कैलाश बेनीवाल

कोई परेशानी नहीं है
कोई परेशानी नहीं है। नए अस्पताल के गेट के सामने होने से एेसा किया गया है। पुराने वाला छोटा पड़ रहा था।
– डा. बी एल मंसूरिया, पीएमओ बाड़मेर अस्पताल

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