खनन विभाग की ओर से गत माह ऑनलाइन हुए आवेदनों की समीक्षा करते हुए 52 पत्रावलियों को पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को भेजा गया। यहां महज 06 फाइलों की पर्यावरणीय स्वीकृति जारी की गई है। अब जिले में 06 पट्टों का अनुबंध होने पर 10 लीज पर बजरी खनन होगा। इससे बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं इसके अवैध बजरी खनन पर लगाम लगेगी।
सीसीटीवी से रहती है नजर खनन विभाग की ओर से बजरी खनन के लिए लीज पट्टा जारी करने के बाद उसकी सम्पूर्ण निगरानी रखी जाती है। लीजधारक धर्मकांटा सहित सीसीटीवी कैमरे लगाता है। वहीं बजरी परिवहन के दौरान विभागीय वेबसाइट से जारी इ-रवन्ना पर्ची आवश्यक है। इसके लिए खनन विभाग की विशेष टीम निगरानी रखती है।
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फैक्ट फाइल
– 80 अब तक ऑनलाइन हुए आवेदन – 04 लीज पट्टा अनुबंध पूर्व में जारी
– 52 मंशा पत्र विभाग ने भेजे – 06 पर मिली पर्यावरणीय स्वीकृति
– 44 पत्रावलियों की पर्यावरणीय स्वीकृति अटकी
– 80 अब तक ऑनलाइन हुए आवेदन – 04 लीज पट्टा अनुबंध पूर्व में जारी
– 52 मंशा पत्र विभाग ने भेजे – 06 पर मिली पर्यावरणीय स्वीकृति
– 44 पत्रावलियों की पर्यावरणीय स्वीकृति अटकी
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– 06 मंशा पत्र पर स्वीकृति मिली है, करीब 50 बजरी लीज के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए मंशा पत्र भेजे गए थे। जिसमें 06 की स्वीकृति जारी हुई है। अब सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने पर 10 लीज पर बजरी खनन होगा। इससे बड़ी राहत मिलेगी और विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा। – पूरणमल सिंघाडिय़ा, खनि अभियंता, खनन विभाग, बाड़मेर
– 06 मंशा पत्र पर स्वीकृति मिली है, करीब 50 बजरी लीज के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए मंशा पत्र भेजे गए थे। जिसमें 06 की स्वीकृति जारी हुई है। अब सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने पर 10 लीज पर बजरी खनन होगा। इससे बड़ी राहत मिलेगी और विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा। – पूरणमल सिंघाडिय़ा, खनि अभियंता, खनन विभाग, बाड़मेर