अब कृषक खेत में खनिज का खनन कर भूमि सुधार करने के साथ-साथ जिप्सम को बेच सकेंगे। केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गैर खनन गतिविधियों के लिए पर्यावरण क्लियरेंस लेने की अनिवार्यता को खत्म कर दी है।
उल्लेखनीय है कि बाड़मेर के निकटवर्ती उत्तरलाई, कवास, छीतर का पार, भीमरलाई, जाखरड़ा व थोब में जिप्सम का बड़ा कारोबार है। बाड़मेर जिले में वर्तमान में 26 परमीट चल रहे है। अब नए 23 और खान विभाग जल्द जारी करेगा।
विभाग का बढ़ेगा 5 करोड़ का राजस्व
विभाग का बढ़ेगा 5 करोड़ का राजस्व
बाड़मेर जिले में वर्तमान में जिप्सम के 26 परमीट संचालित हो रहे है। इनके विभाग को प्रति साल सवा पांच करोड़ का राजस्व मिल रहा है। अब पर्यावरण संबंधी स्वीकृति आवश्यक नहीं होने पर यह परमीट दुगुने हो जाएंगे। ऐसे में विभाग को मिलने वाले राजस्व की राशि 10 करोड़ हो जाएगी।
यों मिलेगा फायदा – 2 मीटर तक खेत में खुदाई कर निकाल सकेंगे जिप्सम
– निकाली गई जिप्सम बेच पाएंगे किसान
– किसानों की जमीन होगी जिप्सम मुक्त फिर कर सकेंगे फसल बुवाई
– सरकार ने जिप्सम पर पर्यावरण क्लियरेंस की जरुरत को खत्म कर दिया गया है। इससे अब नए परमीट ज्यादा जारी होंगे। इससे भूमि सुधार के साथ किसानों को राहत मिलेगी और विभाग का राजस्व बढ़ जाएगा। बाड़मेर वर्तमान में 26 परमीट है और 23 नए जारी कर दिए जाएंगे।
– निकाली गई जिप्सम बेच पाएंगे किसान
– किसानों की जमीन होगी जिप्सम मुक्त फिर कर सकेंगे फसल बुवाई
– सरकार ने जिप्सम पर पर्यावरण क्लियरेंस की जरुरत को खत्म कर दिया गया है। इससे अब नए परमीट ज्यादा जारी होंगे। इससे भूमि सुधार के साथ किसानों को राहत मिलेगी और विभाग का राजस्व बढ़ जाएगा। बाड़मेर वर्तमान में 26 परमीट है और 23 नए जारी कर दिए जाएंगे।
– गोरधनराम, खनि अभियंता, बाड़मेर