परिवहन विभाग कार्यालय में हर माह लगभग 50 से 60 कार-जीप आदि वाहनों के लिए दस्तावेज पेश किए जा रहे हैं। इनमें 50 रुपए का स्टाम्प पेपर लगा होता है, जिस पर चार पहिया वाहन मालिक यह लिखकर देते हैं कि उनके पास वाहन की पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान है। बालोतरा व सिवाना मुख्यालय पर करीब 20 हजार वाहन हैं। इनमें से 10 प्रतिशत लोग भी मुश्किल से होंगे, जिनके पास वाहन खड़ा करने के लिए पर्याप्त पार्किंग है।
नतीजतन लोग घरों के बाहर गलियों में वाहन खड़े कर रहे हैं। रात के समय तो गलियों में दूसरी गाडिय़ों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। हकीकत तो यह है कि परिवहन विभाग उच्च न्यायालय के आदेश पर वाहन मालिक से पार्किंग की जगह होने का शपथ पत्र ले रहा है, लेकिन शपथ पत्र में दी गई जानकारी सही है या नहीं, इसकी जांच नहीं की जा रही है।
जांच के लिए स्टाफ ही नहीं- बालोतरा जिला परिवहन कार्यालय में हर साल लगभग एक हजार कार-जीपों का पंजीयन होता है। सभी वाहन मालिक 50 रुपए के स्टाम्प पर पार्किंग होने का शपथ पत्र देते हैं। इनकी जांच के लिए परिवहन विभाग के पास स्टाफ ही नहीं है।
कार्रवाई का प्रावधान है, फिर भी नहीं उठाते कोई कदम- मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मांगे गए शपथ पत्र में साक्ष्य झूठा, कूटरचित दस्तावेज एवं असत्य कथन पेश किया गया है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी की कार्रवाई का प्रावधान है। इसके आधार पर परिवहन विभाग चाहे तो वाहन मालिक के खिलाफ सीधा मुकदमा दर्ज करवा सकता है, लेकिन कानूनी फेर में फंसने से बचने के लिए अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं।
ईश्वर साक्षी मान लेते हैं शपथ- घर में गैराज और अन्यत्र वाहन खड़े करने की जगह नहीं होने के बावजूद हजारों लोग ईश्वर को साक्षी मानकर पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था होने के झूठे शपथ पत्र देकर अपने चौपहिया वाहनों के पंजीयन करवा रहे हैं। परिवहन विभाग यह सबकुछ जानते हुए भी चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन कर रहा है।
देते हैं शपथ पत्र, नहीं करवाई जांच – वाहन पंजीयन के समय वाहन मालिक की ओर से पार्किंग स्थल होने का शपथ पत्र दिया जाता है। अभी तक शपथ पत्र की सत्यता को लेकर कोईजांच करवाई नहीं है। कोई शिकायत मिलेगी तो जांच करवाईजाएगी।
– भगवानाराम गहलोत, जिला परिवहन अधिकारी बालोतरा