सब्जी उत्पादन कर किसान प्राप्त कर सकते हैं लाभ
किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

बाड़मेर. एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल और 300 ग्राम साग-सब्जियों का सेवन करना चाहिए, परंतु हमारे देश में साग-सब्जियों का वर्तमान उत्पादन स्तर प्रतिदिन, प्रतिव्यक्ति की खपत के हिसाब से मात्र 120 ग्राम है। इसलिए हमें इनका उत्पादन बढ़ाना चाहिए। ब्जियों की खेती में सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) में पौध तैयार करना एक कला है इसे सुचारू रूप से तैयार करने के लिए तकनीकी जानकारी का होना आवश्यक है ।उक्त बात डॉ. प्रदीप पगारिया ने कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
प्रधान वैज्ञानिक आईसीएआर-एनआरआईए नई दिल्ली डॉ. हर्षवर्धन चौधरी ने कहा कि बारिश का मौसम आते ही बाजार में सब्जियों की आवक कम हो जाती है और कम मात्रा में आने वाली सब्जियों के भाव अनायास ही तेजी से बढऩे लगते हैं। इस तेजी का वे किसान ही लाभ ले पाते हैं, जो पहले से योजना बनाकर सब्जियों की खेती करते हैं। आईसीएआर-एनआरआईए नई दिल्ली डॉ. आर.के. यादव ने कहा कि सब्जियों की खेती में सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) में पौध तैयार करना एक कला है इसे सुचारू रूप से तैयार करने के लिए तकनीकी जानकारी का होना आवश्यक है ।
प्रधान पंचायत समिति गुड़ामालानी बिजलाराम ने कहा कि गर्मी के मौसम में सब्जियों की बाजार में कमी आ जाती है जिसके कारण सब्जियों के भाव बहुत अधिक बढ़ जाते हैं, ऐसे में हम घर पर विभिन्न प्रकार की सब्जियां लगाकर स्वयं का व्यवसाय भी कर सकते हैं।
डॉ. हरि दयाल चौधरी ने कहा कि सामान्य मौसम की दशा में सब्जियों का खुले वातावरण में साधारण देखभाल के साथ पौध उत्पादन किया जाना संभव है, लेकिन प्रतिकूल मौसम में खुले वातावरण में सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) उगाने पर पौध के नष्ट होने की संभावना रहती है इसके लिए सब्जी-उत्पादन में आधुनिक तकनीक के रूप में प्रयोग में ली गई विधियों को उच्च तकनीक कहते हैं। बाबूलाल जाट ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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