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आश्वासनों से उकताई बेटियों ने जड़ा ताला तो दौड़े आए जनप्रतिनिधि -अधिकारी,जानिए क्या है पूरा मामला

- महिला महाविद्यालय को पीजी तक करने की मांग - साढ़े तीन घंटे तक रहा ताला - पहले भी हो चुका है प्रदर्शन

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Female college sought to PG girls lock imposed on the collage gate

बाड़मेर. महिला महाविद्यालय को स्नातक से स्नातकोत्तर बनाने, नए व्याख्याता लगाने सहित विभिन्न मांगों पर आश्वासन झेल रही बेटियों ने आखिरकर मंगलवार को आक्रोश का रास्ता अपनाया। आश्वासनों से उकताई बेटियों ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर ताला जड़ा और सरकार के खिलाफ भी खूब नारेबाजी की। साढ़े तीन घंटे तक ताला लगा रहा। इस दरम्यिान जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर दौड़े-दौड़े आए। हालांकि एक बार फिर सभी ने आश्वासनों की ही घुट्टी पिलाई। छात्रसंघ अध्यक्ष तनुजा चारण और मनीषा राठौड़ की अगुवाई में छात्राएं कहने से नहीं चूकी कि बेटियों को आगे बढ़ाने की बातें तो खूब हो रही हैं लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं।

हां, मैम हमने लगाया ताला
प्राचार्य ललिता मेहता कॉलेज पहुंची तो वहां ताला देख आसपास खड़ी छात्राओं से पूछा। तब छात्रसंघ अध्यक्ष तनुजा चारण ने कहा कि ताला हमने लगाया है। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, ताला नहीं खुलेगा। प्राचार्य ने समझाइश की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं। प्राचार्य व अन्य व्याख्याता बाहर ही खड़े रहे।

9 बजे ताला, खुला साढ़े 12 बजे

महिला महाविद्यालय पर सुबह 9 बजे छात्राओं ने ताला लगाया जिसे 12 बजकर 30 मिनट पर यूआईटी चेयरमैन के आश्वासन के बाद खोला गया।


...तो जनप्रतिनिधियों को बुलाओ
मामला बढ़ता देख उपखंड अधिकारी कॉलेज पहुंचे। बाद में पुलिस बुलाई गई। इस बीच उपखंड अधिकारी ने कह दिया कि कॉलेज को पीजी स्तर पर तो जनप्रतिनिधि ही कर सकते हैं। फिर छात्राओं

ने कहा कि अगर समाधान जनप्रतिनिधियों के पास है तो उन्हें बुलाओ, ताला तभी खुलेगा।
यूआईटी चेयरमैन को फोन, कहा एक घंटा लगेगा

उपखण्ड अधिकारी ने यूआईटी अध्यक्ष प्रियंका चौधरी को मोबाइल पर पूरे मामले से अवगत कराया। चौधरी ने कहा कि वे एक घंटे के बाद पहुंचेंगी। छात्राएं भी अड़ी रही कि कोई जनप्रतिनिधि आएगा तभी ताला खुलेगा। बाद में यूआईटी चैयरमैन के पहुंचने पर छात्राओं ने उनके समक्ष विभिन्न मांगें रखी।
छात्राओं ने कहा :-

- अधिकांश छात्राएं गांवों से आती हैं और यहां क्लासें ही नहीं लगती।
- व्याख्याता नहीं है तो पढ़ाएगा कौन?

- ऐसे में कहां गया आपका बेटियों को आगे बढ़ाने का नारा।
- इस तरह के हालात में निजी कॉलेजों में नहीं जाएं तो क्या करें?


यूं दिया आश्वासन

यूआईटी चेयरमैन ने कहा कि पहले वाली सरकार ने कॉलेज को पीजी नहीं बनाया। वे छात्राओं की मांग को सरकार तक रखेंगी। अब अगर मांग नहीं मानी तो छात्राओं के अगले प्रदर्शन में वे भी उनके साथ खड़ी मिलेंगी। कॉलेज निदेशक से छात्र संघ अध्यक्ष ने मोबाइल पर बातचीत कर स्थिति से अवगत कराया।