बाड़मेर

आग की बढ़ती घटनाएं, रोकने के इंतजाम नाकाफी

-सैकड़ों ढाणियां जिले में चढ़ जाती है आग की भेंट-दमकल पहुंचती है तब तक सब कुछ हो जाता है राख-दुकानों और मल्टी स्टोरीज में भी नहीं है फायर कंट्रोल सिस्टम-हाइवे पर भी वाहनों में आगे के घंटों बाद पहुंचती है दमकलें

बाड़मेरNov 12, 2021 / 09:57 pm

Mahendra Trivedi

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बाड़मेर. आग की घटनाएं लगातार बढ़ती और विकराल होती जा रही है। जिले में ढाणियों में आग लगने के मामले बढ़े ही है। वहीं बाजार की दुकानों और बहुमंजिला इमारतों में आग की घटनाएं आए दिन सामने आ रही है। वहीं हाइवे पर भी वाहनों के दुर्घटना के दौरान आग लगने की घटनाए पिछले कुछ समय से ज्यादा बढ़ी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल इसमें यह सामने आ रहा है कि आग लगने पर बुझाने के इंतजाम किसी भी स्थान पर पूरे नहीं है। फायर सेफ्टी के लिए व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण ही आग विकराल हो जाती है और काबू नहीं पाया जा सकता है। इसमें धन के साथ जन हानि भी हो रही है।
जिले में दूर-दराज की ढाणियों में आग लगने के बाद बुझाने के कोई साधन नहीं है। आग पूरा आशियाना जला देती है और परिवार आसमां तले आ जाता है। दमकल को सूचना देने पर घंटों बाद पहुंचती है, तब तक सब कुछ जल जाता है। ग्रामीण अपने स्तर पर ही आग बुझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह कई बार नाकाफी साबित होता है।
बाजारों में फायर सिस्टम की अनदेखी
बाजारों में बड़े माल्स और दुकानों में भी आग बुझाने के यंत्रों को लेकर लापरवाही बरती जाती है। बाड़मेर के बाजारों की बात करें तो 90 फीसदी के पास आग लगने पर काबू पाने के लिए कोई यंत्र नहीं है। कुछ माल्स में उपकरण है तो उनका रखरखाव नहीं हो रहा है। इसके कारण आग लगने पर बुझाने की बजाय दमकल का इंतजार करते हैं।
हाइवे पर नहीं कोई साधन
वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण दुर्घटना के मामलों में आग के केस भी बढ़े हैं। लेकिन हाइवे पर आग बुझाने के लिए सैकड़ों किमी में भी साधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। जिले में बड़ी-बड़ी कंपनियां के पास दमकलें है, लेकिन मौके पर पहुंचने में समय लगने के कारण आग बेकाबू हो जाती है।
पत्रिका व्यू…
जिले में बड़ी कंपनियां केयर्न, राजवेस्ट, रिफाइनरी आदि में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए बड़े स्तर पर फायर फाइटिंग सिस्टम और दमकलें है। प्रशासन को इनसे सीख लेनी चाहिए। आग लगने के बाद ही यहां पर सवाल उठाए जाते हैं। आग पर काबू के प्रबंध पहले ही कर लें तो संभव है कि नुकसान को समय रहते कम किया जा सकता है। कई तरह के वाहनों की खरीद होती है। लेकिन दमकल को लेकर प्रशासन और सरकारों को भी सोचने की जरूरत है। बढ़ती आबादी और हादसों को देखते हुए उपखंड स्तर पर दमकलों और दुकानों पर व्यापारियों के पास फायर कंट्रोल सिस्टम अनिवार्य करने की भी जरूरत है।
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