बढ़ रही एफएम के चहेतों की तादाद
प्रदेश में एफएम के चहेतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रेडियो के बाद मोबाइल आने से घर हो या प्रतिष्ठान, रेल या बस का सफर या खेतों और खलिहानों में काम के दौरान भी इसे आसानी से सुनने की सुविधा होने से एफएम के चहेतों की संख्या में भी खासा इजाफा होगा।
प्रदेश में एफएम के चहेतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रेडियो के बाद मोबाइल आने से घर हो या प्रतिष्ठान, रेल या बस का सफर या खेतों और खलिहानों में काम के दौरान भी इसे आसानी से सुनने की सुविधा होने से एफएम के चहेतों की संख्या में भी खासा इजाफा होगा।
सरहदी बाशिंदों की जरूरत
जिले में एफएम की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। गीतों और समाचारों की आवश्यकता के साथ ही सीमा पार से दुष्प्रचार रोकने को लेकर भी एफएम खासा कारगर साबित होगा। हालांकि टॉवर और ट्रांसमीटर का काम काफी पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक इसकी शुरूआत में देरी हो रही है। फिलहाल यह दूरदर्शन के अधीन है, जल्द ही इसे आकाशवाणी को सुपुर्द किया जाएगा।
जिले में एफएम की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। गीतों और समाचारों की आवश्यकता के साथ ही सीमा पार से दुष्प्रचार रोकने को लेकर भी एफएम खासा कारगर साबित होगा। हालांकि टॉवर और ट्रांसमीटर का काम काफी पहले ही पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक इसकी शुरूआत में देरी हो रही है। फिलहाल यह दूरदर्शन के अधीन है, जल्द ही इसे आकाशवाणी को सुपुर्द किया जाएगा।
क्या है एफएम रेडियो की तकनीकी भाषा में मीडियम वेव, शॉर्ट वेव व फ्रिक्वेंन्सी मॉडयूलेशन (एफएम) पर सभी प्रकार के प्रसारण होते हैं। सम्प्रेषण के लिए देश के भीतर मीडियम वेव व देश के बाहर शॉर्ट वेव को प्रयोग में लिया जाता है। एक सीमित दायरे में फ्रिक्वेंसी मॉडयूलेशन सेवा को प्रयोग में लिया जाता है। इसकी खासियत है कि आंधी, तूफान, बरसात में भी सेवाएं प्रभावित नहीं होती। आवाज भी स्पष्ट सुनाई देती है। चौहटन एफएम के लिए तैयार ट्रांसमीटर दस किलोवॉट का लगाया गया है। इसकी क्षमता और फ्रिक्वेंसी लंबी दूरी तक होने से सरहद व उसके पार भी सुनाई दे सकेगी।