बाड़मेर

चार साल बाद सरकार ने पूछा लीला के हाथ कैसे कटे?

– पत्रिका ने उठाया था मुद्दा, मासूम बालिका की सुध लेगा डिस्कॉम

बाड़मेरMar 21, 2017 / 10:38 am

भवानी सिंह

barmer

हापों की ढाणी की बालिका लीला के हाथ करंट ने लील लिए थे। कोई पैरवी करने वाला नहीं था और न कोई जानकार। एेसे में हाथ खोकर लीला जिंदगी की जंग लड़ रही थी। चार साल बाद राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री ने अब बाड़मेर डिस्कॉम से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। करंट के जिस हादसे ने लीला ने हाथ खोए हैं, नियमानुसार उसे मुआवजा डिस्कॉम को देना था, लेकिन एेसा कुछ नहीं हुआ है। ऊर्जामंत्री के आदेश पर इस हादसे की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
हापों की ढाणी के भूरसिंह की बेटी लीला ने करीब चार साल पहले धोरों पर पड़े एक बिजली के तार को अनजाने में पकड़ लिया और उससे प्रवाहित करंट की चपेट में आ गई। परिवार के लोग उसे अहमदाबाद उपचार को ले गए जहां उसके दोनों हाथ उपचार के दौरान काटने पड़े। इसके बाद लीला की पढ़ाई छूट गई। कुछ समय बाद उसने पांवों से लिखना शुरू किया। इसके बाद उसको कृत्रिम हाथ दिए गए, लेकिन वो भी कामयाब नहीं हुए। इधर डिस्कॉम ने इस बालिका की कोई सुध नहीं ली और ना ही कोई मुआवजा दिया । लिहाजा बालिका अपना संघर्ष खुद करती रही।
पत्रिका ने उठाया मामला

पत्रिका ने इस मुद्दे की पैरवी करते हुए लीला की मानवीय कथा को सामने लाया। इसके बाद कई संगठन इस बालिका की मदद को आगे आए। बालिका को करीब सवा लाख रुपए की आर्थिक मदद की, लेकिन डिस्कॉम ने अब भी इस बालिका को मुआवजा दिलवाने की पैरवी नहीं की। एेसे में बालिका को नियमानुसार मिलने वाला परिलाभ नहीं मिला है।
ऊर्जा मंत्री ने लिया गंभीरता से

इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए जोधपुर डिस्कॉम की एमडी आरती डोगरा से मामले की जानकारी मांगी। एमडी ने इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट बाड़मेर अधीक्षण अभियंता से मांगी है। चार साल बाद डिस्कॉम अब बालिका की सुध लेगा। 

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