ग्रामीणों ने वन विभाग की ओर से सूअरों को पालतू बताकर पल्ला झाडऩे को लेकर नाराजगी जताते हुए वन विभाग एवं ग्राम पंचायत को संसाधन उपलब्ध करवाकर सूअरों से निजात दिलाने की मांग की। बीजराड़ निवासी प्रेमाराम सियाग, रूपाराम पिंडेल, नरेश धारीवाल, गोगाराम, जेठाराम, कंवराराम, किशनाराम, मूलाराम आदि ने ज्ञापन में बताया कि जंगली सूअरों पिछले एक साल से खेतों और पशुओं को नुकसान पहुंचा रहे है। इन दिनों जंगली ***** झुण्ड के रूप में रात में पशुओं के बाड़ों में सेंध लगाकर हमला कर बकरियों को मार रहे है। साथ ही खेतों में संग्रहित की गई फसलों और घास को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार ये गधे और खच्चर के समान बड़े ***** है, जिनके मुंह से भी खतरनाक दांत निकले हुए हैं, लेकिन वन विभाग इन सूअरों को पालतू बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। इनकी संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब पशुओं के साथ ही आम लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। उन्होंने मारे गए पशुओं का मुआवजा दिलाने सहित वन विभाग को निर्देशित कर ग्राम पंचायत को संसाधन उपलब्ध करवाने और सूअरों को पकड़वाने की मांग की।जंगली सूअरों से त्रस्त बीजराड़ सहित आस-पास के गांवों के पशुपालकों ने शनिवार को जिला कलक्टर के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने जंगली सूअरों के आतंक से निजात दिलाने के साथ ही पशुपालकों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की।न विभाग इन सूअरों को पालतू बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। इनकी संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब पशुओं के साथ ही आम लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।