लोगों से वसूली का खेतल सोडियार ग्राम पंचायत सहित आसपास की ग्राम पंचायतों में हो रहा है। इसकी जानकारी लोगों ने जिला सांख्यिकी कार्यालय को भी दी, लेकिन न तो ठगी रुक रही है और ना ही कार्रवाई हो रही है।
सातवीं आर्थिक गणना का कार्य इन जिलों में चल रहा है, जिसके तहत कॉमन सर्विस सेन्टर के मार्फत प्रगणक व सुपरवाइजर लगाए गए हैं। प्रगणक (वीएलई) का कार्य घर-घर जाकर सर्वे करना है, जिसमें कच्चे-पक्के मकान,वाहनों की तादाद सहित सम्पूर्ण आर्थिक जानकारी संकलित की जा रही है।
उक्त कार्य करने वाले वीएलइ को भुगतान सरकार के मार्फत होना है, लेकिन ये लोग ग्रामीणों को झांसा देकर अवैध वसूली कर रहे हैं। सोडियार ग्राम पंचायत में एेसा मामला है, जिसमें लोगों को यह कहा गया है कि आपको आवास दिलवा देंगे बदले में आपको नाम जुड़वाने के लिए दो सौ रुपए देने होंगे। सैकड़ों ग्रामीणों से उक्त राशि ली गई है और अभी भी वसूली जा रही है।
पुराना आवास की स्वीकृति हटा देंगे- इस दौरान कई परिवार वालों ने बताया कि उनको पहले भी सरकारी योजना के तहत आवास मिल चुके हैं तो उन्होंने उसको रिकॉर्ड से हटा कर नए आवास स्वीकृत करने का झांसा भी दिया।
दो सौ रुपए लिए- मेरे नाम पहले से ही आवास स्वीकृत है, घरवालों को झांसा देकर दो सौ रुपए ले लिए और कहा कि नया आवास स्वीकृत होगा। – मोडाराम बेनीवाल, ग्रामीण
जांच कर करें कार्रवाई- हमारी ग्राम पंचायत सहित आसपास की ग्राम पंचायतों में दो-दो रुपए लिए जा रहे हैं। हमने शिकायत भी की है। इसकी जांच कर कार्रवाई करें। – लूम्भाराम बेनीवाल, ग्रामीण
शिकायत मिली, जांच के आदेश- सोडियार से शिकायत मिली थी कि यहां आर्थिक गणना में आवास स्वीकृति के नाम पर दो सौ रुपए वसूले जा रहे हैं। मैंने कॉमन सर्वे सेंटर के मैनेजर को जांच के लिए कहा है। जांच कार्य चल रहा है, शिकायत सही पाई गई तो कार्रवाई होगी।
– जसवंत गौड़, जिला सांख्यिकी अधिकारी बाड़मेर