बाड़मेर

गुड मॉर्निंग बाड़मेर…देखिए पत्रिका की फोटो गैलेरी आज

https://www.patrika.com/barmer-news/

बाड़मेरMay 21, 2019 / 09:59 am

Ratan Singh Dave

Good morning Barmer … see photo gallery of magazine today

गुड मॉर्निंग बाड़मेर…

रतन दवे
बाड़मेर.आज मौसम में उमस शुरू होने के साथ सुबह की शुरूआत हुई है। तीन पहले का तूफान थम गया है लेकिन बिजली और पानी की व्यवस्थाएं महकमे अभी भी दुरस्त नहीं कर पाए है। तकनीक, संसाधन और मैन पॉवर की उपलब्धता के इस युुग में इतनी देरी कार्य के प्रति गंभीर नहीं होना ही दर्शाती है। दूरस्थ गांवों में जहां बिजली-पानी की किल्लत है वहां के लोगों का दर्द समझते हुए काम करने की दरकार है।दूरस्थ गांव ढाणी ही क्यों शहर में हालात देखिए। सात दिन से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। जैसलमेर में क्लोजर या डिफाल्ट हुआ। नहरी पानी बाड़मेर नहीं आ रहा। कहीं बूस्टर खराब है तो कहीं पंप हाऊस। पौने दो लाख के करीब की आबादी का बाड़मेर शहर पानी की पीड़ा को भोग रहा है। इन दिनों एक समाचार सुर्खियों में है यातायात पुलिस का 39 लाख का गबन। यातायात पुलिस जो शहर में धौंसपट्टी के लिए जानी जाती है। हैलमेट चालकों को चलती बाइक की चाबी निकालकर ऐसी पकड़ती है जैसे वो कोई बड़े अपराधी हो। सार्वजनिक जलील करना और फिर रौब दिखाना आदत बना लिया है। कई बार तो बाइक चालकों के पीछे भागते है जैसे ड्युटी को लेकर पूरे पाबंद और वही व्यक्ति अपना पहचान वाला आ जाए तो बिना वहीं उसके साथ गप्पों में मशगूल। धांैसपट्टी दिखाने वालों ने पूरे पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया है। 39 लाख रुपए जनता से चालान के वसूले और अपनी जेबें गर्म कर ली। पुलिस के आला अधिकारियों को पता ही नहीं चला। जिनको पता चला वे इसमें भागीदार बनते गए। तीन साल रोज की कमाई जेब में आने के लिए पूरे ग्रुप ने पूरे मजे लूटे। ये तो अंकेक्षण विभाग का कोई खपती कर्मचारी आया और सारी पोलपट्टी खोल गया। अब पुलिस इनको बचाने के जतन में लगी थी लेनिक राजस्थान पत्रिका ने मामले को ऐसे सामने लाया कि न निगलते बने न उगलते। इस मामले में कई लोग नप गए है। सुर्खियों के इस समाचार के साथ ही अब बेचैनी बढ़ाने लगा है लोकसभा का परिणाम। 23 मई को निर्णय आने वाला है। बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट से कांग्रेस के मानवेन्द्रसिं और भाजपा के कैलाश चौधरी में से कौन जीतेगा,इसके कयास लगने शुरू हो गए ै। बाड़मेर-जैसलमेर में 73 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है। अब इनके किस्मत का पिटारा खुलेगा। बाड़मेर का चुनाव दिलचस्प भी है। इस बार समीकरण पूरे बदले हुए है। जातिगत, व्यक्तिगत और विचारधारा। जो इधर थे वो उधर है, जो उधर थे वो इधर है। कई ऐसे भी है जो इधर-उधर दोनों तरफ रोटियां सेकते रहे। इस चुनाव ने कईयों के चेहरे साफ कर दिए कि वास्तव में वो है कैसे? खैर, चुनावों में ऐसा होता है। नतीजे का इंतजार करना चाहिए।
देखिए पत्रिका की फोटो गैलेरी आज
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.