जैसे टीवी पर हम सब परिवार के सदस्य एक ही तरह की मूवी देखते हैं। इन दृश्यों को बच्चे जल्दी गृहण कर लेते हंै। ऐहतियात बरतनी होगी कि इसको रोका जाए। कुछ तो फर्क बच्चों को समझाना होगा कि क्या गलत है और क्या सही, बस यही रोकने का पहला कदम होगा।
ऐसी घटनाओं ने समाज को बदनाम किया है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए खुद को मजबूत करना होगा। कुछ भी गलत हो रहा है तो बताएं, अपने दोस्तों को, परिवार को। जब तक सहेंगे तो जुर्म बढ़ेगा। कहेंगे तो समस्या का समाधान होगा।
महिलाओं व लड़कियों की समस्या सुनने के लिए प्रशासन व सरकार एक ब्लॉग या एप बनाएं। आज सोशल मीडिया का जमाना है। ताकि हम आसानी से अपनी बात खुलकर रख सकें।
परिवार व समाज का विश्वास जीतना जरूरी है। इस तरह की घटनाओ से सबक लेना चाहिए। जिसने भी गलत किया हों वो सामने आएं। – नीलम राठौड़ , उपाध्यक्ष
किसी भी काम को करने के लिए मन में संकल्प लेकर आगे बढऩा चाहिए। नारी में शक्ति की कोई कमी नहीं है। इसके लिए उठो जागो और खुलकर सामना करो। डर शब्द को ही भूल जाओ।
महिला अत्याचार के लिए सबसे पहले परिवार व पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। संस्कारों के अभाव में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं पुलिस भी ऐसे में मामलों में गंभीर नहीं रहती है।
अभी भी बालविवाह हो रहे हंै। इसका कारण है परिवार का बेटी को लेकर असुरक्षित महसूस करना। यह असुरक्षा तब टूटेगी जब बाल विवाह रोककर पढ़ाई को प्रेरित किया जाएगा
हर मामले में लड़कियों को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसा क्यों? बालिका अपनी बात खुलकर परिवार व अन्य फे्रंड्स को बताए। इससे हिचकिचाट दूर होगी।
अपने आप को सुरक्षित समझें। दूसरों पर भरोसा करने की बजाय खुद को मजबूत करें। ग्रामीण इलाकों में बालिका शिक्षा का अभाव है। वहीं किसी भी समस्या में खुद विरोध करें तो अपने आप समाधान होगा।
परिजन बच्चों पर दबाव बनाने की बजाय हर समय प्यार का भाव रखें। बच्चों के साथ समय बिताएं। इससे जागरूकता बढ़ेगी और सोशल मीडिया पर लाइव व शेयर की तरह अपनी केयर जरूरी है।
समाज में खुद को बदलना होगा। सोच में बदलाव जरूरी है। अच्छा संदेश ही समाज को आगे बढ़ाता है। इसलिए इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर लोगों व बच्चों को समझाना होगा।
गुडटच व बैडटच क्या होता है इसको समाज व मौहल्ले में जाकर समझाना होगा। इसके लिए साझा प्रयास किया जाए। यह बात अपने को बतानी होगी। जब सोच बदल देंगे तो खुद मजबूत होंगे।
इस तरह की घटनाओं को समझाना होगा। इसके लिए सब साथ चलकर संघर्ष करें। मन में डर नहीं रखें। किसी भी दुश्मन को आंख दिखाकर जबाव दें। समस्या का समाधान अपन खुद ही है। किसी पर भरोसा नहीं करें।