बाड़मेर

संकल्प किया 300 बेटियों ने, 30,000 तक पहुंचाएंगे ये बात

गुड टच-बैड टच अभियान : पत्रिका टॉक शो में कॉलेज की बेटियों ने अगले पांच दिन तक घर-परिवार और स्कूलों में पहुंचकर गुडटच बैडटच पर बात करने का किया संकल्

बाड़मेरSep 23, 2017 / 12:46 am

Moola Ram

Good Touch-Bad Touch Campaign

बाड़मेर. शहर के गल्र्स कॉलेज की करीब तीन सौ बेटियों ने शुक्रवार को गुडटच बैडटच पर खुलकर चर्चा की और अंत में संकल्प लिया कि वे घर-परिवार में तो यह बात बताएंगी ही साथ ही स्कूल-मोहल्ले और संस्थानों में समूह के साथ पहुंचकर विद्यार्थियों से जानकारी साझा करेंगी। शहरभर में यह माहौल अगले पांच दिन में बनाने का जिम्मा लिया। राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित टॉक शो में मुख्य वक्ता प्राचार्य डॉ. ललिता मेहता, डॉ. हुकमाराम सुथार और मुकेश पचौरी रहे।
इस तरह छात्राओं ने रखी समस्याएं

– एक जैसा माहौल घातक
जैसे टीवी पर हम सब परिवार के सदस्य एक ही तरह की मूवी देखते हैं। इन दृश्यों को बच्चे जल्दी गृहण कर लेते हंै। ऐहतियात बरतनी होगी कि इसको रोका जाए। कुछ तो फर्क बच्चों को समझाना होगा कि क्या गलत है और क्या सही, बस यही रोकने का पहला कदम होगा।
– पायल, छात्रा

– खुद हिम्मत रखें
ऐसी घटनाओं ने समाज को बदनाम किया है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए खुद को मजबूत करना होगा। कुछ भी गलत हो रहा है तो बताएं, अपने दोस्तों को, परिवार को। जब तक सहेंगे तो जुर्म बढ़ेगा। कहेंगे तो समस्या का समाधान होगा।
– कंचन जांगिड़

एप व ब्लॉग लागू हो
महिलाओं व लड़कियों की समस्या सुनने के लिए प्रशासन व सरकार एक ब्लॉग या एप बनाएं। आज सोशल मीडिया का जमाना है। ताकि हम आसानी से अपनी बात खुलकर रख सकें।
– अनीता पालीवाल

विश्वास जरूरी है
परिवार व समाज का विश्वास जीतना जरूरी है। इस तरह की घटनाओ से सबक लेना चाहिए। जिसने भी गलत किया हों वो सामने आएं।

– नीलम राठौड़ , उपाध्यक्ष
– संकल्प लेकर आगे बढ़े
किसी भी काम को करने के लिए मन में संकल्प लेकर आगे बढऩा चाहिए। नारी में शक्ति की कोई कमी नहीं है। इसके लिए उठो जागो और खुलकर सामना करो। डर शब्द को ही भूल जाओ।
– सरोज राठौड़

– परिवार व पुलिस जिम्मेदार
महिला अत्याचार के लिए सबसे पहले परिवार व पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। संस्कारों के अभाव में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं पुलिस भी ऐसे में मामलों में गंभीर नहीं रहती है।
– नीतू शर्मा

बालविवाह भी रोकें जाएं
अभी भी बालविवाह हो रहे हंै। इसका कारण है परिवार का बेटी को लेकर असुरक्षित महसूस करना। यह असुरक्षा तब टूटेगी जब बाल विवाह रोककर पढ़ाई को प्रेरित किया जाएगा
– मीना, छात्रा

– लड़कियां ही जिम्मेदार क्यों
हर मामले में लड़कियों को ही क्यों जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसा क्यों? बालिका अपनी बात खुलकर परिवार व अन्य फे्रंड्स को बताए। इससे हिचकिचाट दूर होगी।
– भारती

– खुद सुरक्षित हो जाए
अपने आप को सुरक्षित समझें। दूसरों पर भरोसा करने की बजाय खुद को मजबूत करें। ग्रामीण इलाकों में बालिका शिक्षा का अभाव है। वहीं किसी भी समस्या में खुद विरोध करें तो अपने आप समाधान होगा।
– अनिता भारतीय

बच्चों से प्यार का भाव रखें
परिजन बच्चों पर दबाव बनाने की बजाय हर समय प्यार का भाव रखें। बच्चों के साथ समय बिताएं। इससे जागरूकता बढ़ेगी और सोशल मीडिया पर लाइव व शेयर की तरह अपनी केयर जरूरी है।
– दिव्या रेखा

– सोच में बदलाव जरूरी
समाज में खुद को बदलना होगा। सोच में बदलाव जरूरी है। अच्छा संदेश ही समाज को आगे बढ़ाता है। इसलिए इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर लोगों व बच्चों को समझाना होगा।
– रोशनी

क्या होता है? गुडटच-बैडटच
गुडटच व बैडटच क्या होता है इसको समाज व मौहल्ले में जाकर समझाना होगा। इसके लिए साझा प्रयास किया जाए। यह बात अपने को बतानी होगी। जब सोच बदल देंगे तो खुद मजबूत होंगे।
– पूजा जाखड़

सब कुछ समझाना होगा
इस तरह की घटनाओं को समझाना होगा। इसके लिए सब साथ चलकर संघर्ष करें। मन में डर नहीं रखें। किसी भी दुश्मन को आंख दिखाकर जबाव दें। समस्या का समाधान अपन खुद ही है। किसी पर भरोसा नहीं करें।
– जीतू चौधरी, महासचिव छात्रसंघ

किसान कन्या छात्रावास में कार्यक्रम

– कॉलेज की महासचिव जीतू चौधरी ने समारोह में संकल्प लेते हुए कहा कि किसान कन्या छात्रावास में 330 छात्राओं को शनिवार को संकल्प दिलाया जाएगा और उनको बताया जाएगा। वे इसे आगे बढ़ाएंगी।

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