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सरकार ने स्वीकृत किया पक्का मकान, लाभार्थी नहीं ले रहे रुचि

locationबाड़मेरPublished: Jul 13, 2018 06:07:08 pm

Submitted by:

Dilip dave

– प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य पूरा करना चुनौती
– अधिकांश मकान अभी भी अधूरे

सरकार ने स्वीकृत किया पक्का मकान, लाभार्थी नहीं ले रहे रुचि

सरकार ने स्वीकृत किया पक्का मकान, लाभार्थी नहीं ले रहे रुचि

बालोतरा.
केन्द्र सरकार 2021 तक प्रत्येक व्यक्ति के पक्का मकान का सपना पूरा करने में जुटी हुई है, लेकिन चयनित परिवार है कि इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके चलते लक्ष्य का पूरा करना अधिकरियों के लिए चुनौती बन गया है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की सूची में शामिल पात्र लोगों को सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास आवंटित करती है। इसमें सरकार चयनित परिवार को 1 लाख 20 हजार रुपए मकान के, महानरेगा में 17 हजार 290 मजदूरी व शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए उपलब्ध करवाती है। सरकार नींव भरने से छत डालने तक चयनित परिवार को 30 हजार, 48 हजार व 42 हजार रुपए राशि की तीन अलग-अलग किश्तों में रुपए देती है। बावजूद इसके चयनित परिवार पक्के मकान बनाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके चलते लक्ष्य को पूरा करना चुनौती बना हुआ है। जानकारी अनुसार पंचायत समिति बालोतरा में 2016-17 में 801 आवास आवंटित किए गए थे, लेकिन 629 ही पूर्ण हुए हैं। 2017-18 में 621 में से 318 पूण हुए हैं। 2018-19 में आवंटित1514 में 625 की स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
राशि उठाने के बावजूद कार्य नहीं पूर्ण- आवास योजना के अधिकांश लाभर्थियों को नियमानुसार राशि देय होने के बावजूद कार्य पूर्ण नहीं हो रहे। जानकारी के अनुसार कई जनों ने इस राशि का अन्य कार्य के लिए उपयोग कर लिया है तो कई जने बनाने में रुचि नहीं ले रहे। एेसे में आवास निर्माण अटका हुआ है।
बजरी पर रोक से भी परेशानी- न्यायालय के निर्णय के चलते बजरी खनन पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। एेसे में प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। अधिकांश लाभार्थी कार्य पूर्ण नहीं होने का पूछने पर एक ही जबाव दे रहे हैं कि बजरी नहीं मिल रही, इसलिए कार्य रुका हुआ है।
लक्ष्य के अनुसार कार्य पूरा नहीं हो रहा – प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित परिवार स्वयं की सुविधा व समय अनुकूलता के अनुसार मकान बनाते हैं। इस पर लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूरा नहीं हो पाता है। समय-समय पर चयनित परिवारों को निर्देश भी देते हैं, लेकिन वे इस पर अधिक ध्यान नहीं रहे हैं। बजरी बंद होना भी देरी का एक कारण है। – सांवलराम चौधरी, विकास अधिकारी बालोतरा

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