बालोतरा पत्रिका
उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रदेश में बजरी खनन पर भले ही रोक लग गई हो, लेकिन बालोतरा क्षेत्र में बजरी का खनन व परिवहन बदस्तूर जारी है। यह जरूर है कि यह अवैध काम अब रात के साये में हो रहा है। मध्यरात्रि से अलसुबह तक धड़ल्ले से बजरी का खनन कर गाडिय़ों के माध्यम से बजरी भेजी जा रही है। क्षेत्र के लोग इससे भलीभांति वाकिफ है, लेकिन प्रशासन, खान विभाग और पुलिस इससे जानबूझकर बेखबर बनी बैठी है। अवैध खनन से परिवहन की जा रही बजरी के दाम भी मुंह मांगे हैं, लेकिन भवन निर्माणकर्ताओं के सामने और कोई चारा नहीं होने से महंगे दामों पर बजरी खरीद रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रदेश में बजरी खनन पर भले ही रोक लग गई हो, लेकिन बालोतरा क्षेत्र में बजरी का खनन व परिवहन बदस्तूर जारी है। यह जरूर है कि यह अवैध काम अब रात के साये में हो रहा है। मध्यरात्रि से अलसुबह तक धड़ल्ले से बजरी का खनन कर गाडिय़ों के माध्यम से बजरी भेजी जा रही है। क्षेत्र के लोग इससे भलीभांति वाकिफ है, लेकिन प्रशासन, खान विभाग और पुलिस इससे जानबूझकर बेखबर बनी बैठी है। अवैध खनन से परिवहन की जा रही बजरी के दाम भी मुंह मांगे हैं, लेकिन भवन निर्माणकर्ताओं के सामने और कोई चारा नहीं होने से महंगे दामों पर बजरी खरीद रहे हैं।
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यहां हो रहा अवैध खनन जिले की सीमा पर स्थित रामपुरा से लूनी नदी प्रवेश करती है। रामपुरा, मियों का बाड़ा, पातों का बाड़ा, गोदों का बाड़ा, खरंटिया, चारणों का बाड़ा, भलरों का बाड़ा, भानावास, रणिया देशीपुरा, मजल, करमावास, सिलोर, जेठंतरी, पारलू, लालाणा, मांगला, कुंपावास, कनाना, सराणा, होटलू, कीटनोद, बिठूजा, तिलवाड़ा, गोल, गोल सोढ़ा आदि गांवों में बजरी का अवैध खनन व परिवहन होता है।
जेसीबी से हो रहा खनन
यहां हो रहा अवैध खनन जिले की सीमा पर स्थित रामपुरा से लूनी नदी प्रवेश करती है। रामपुरा, मियों का बाड़ा, पातों का बाड़ा, गोदों का बाड़ा, खरंटिया, चारणों का बाड़ा, भलरों का बाड़ा, भानावास, रणिया देशीपुरा, मजल, करमावास, सिलोर, जेठंतरी, पारलू, लालाणा, मांगला, कुंपावास, कनाना, सराणा, होटलू, कीटनोद, बिठूजा, तिलवाड़ा, गोल, गोल सोढ़ा आदि गांवों में बजरी का अवैध खनन व परिवहन होता है।
जेसीबी से हो रहा खनन
लूनी नदी से सटे अधिकांश गांवों में हर रात जेसीबी से बजरी का खनन किया जाता है। अवैध खननकर्ता रात 10-11 बजे जेसीबी लगाते हंै। मोबाइल से मशीन लगने की जानकारी के बाद ट्रक, डम्पर व ट्रैक्टर चालक यहां पहुंच जाते हैं। इसके बाद बारी-बारी बजरी भरकर चले जाते हैं। सुबह पांच बजे तक अवैध खनन बेरोकटोक चलता है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 50 से 60 गाडिय़ां व इतनी ही ट्रैक्टर ट्रालियां बजरी से भरकर यहां से जाती है।
दिखावे की गश्त, फौरी कार्रवाई
दिखावे की गश्त, फौरी कार्रवाई
ग्रामीणों के प्रशासन, खान विभाग व पुलिस अधिकारियों को अवैध बजरी खनन व परिवहन की मौखिक जानकारी देने पर विभागीय अधिकारी रात 8 से 10 बजे तक दिखावे के लिए गश्त लगाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अवैध परिवहनकर्ता इस अवधि के बाद खनन और परिवहन करते हैं। इसकी जानकारी होने के बावजूद अधिकारी इस अवधि में गश्त नहीं करते। कागजी खानापूर्ति के लिए सप्ताह में एकाध कार्रवाई कर इतिश्री कर देते हैं।
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पता करवाता हूं
अवैध खनन की कार्रवाई का पता करवाता हूं। सभी टीमों को एक्टीवेट करके कार्रवाई करवाएंगे। शिवप्रकाश मदन नकाते, जिला कलक्टर, बाड़मेर
कार्रवाई करेंगे उपलब्ध जानकारी व संसाधन अनुसार कार्रवाई की जाती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
भगवानसिंह, खनि अभियंता, बाड़मेर
अवैध खनन की कार्रवाई का पता करवाता हूं। सभी टीमों को एक्टीवेट करके कार्रवाई करवाएंगे। शिवप्रकाश मदन नकाते, जिला कलक्टर, बाड़मेर
कार्रवाई करेंगे उपलब्ध जानकारी व संसाधन अनुसार कार्रवाई की जाती है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
भगवानसिंह, खनि अभियंता, बाड़मेर
कर रहे निरीक्षण
दो दिन पूर्व ही कार्रवाई की थी। सूचना पर आगे भी कार्रवाई करेंगे। सतत निरीक्षण कर रहे हैं। पूर्णमल सिंघाडिय़ा, खनि अभिंतया, जालोर
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दो दिन पूर्व ही कार्रवाई की थी। सूचना पर आगे भी कार्रवाई करेंगे। सतत निरीक्षण कर रहे हैं। पूर्णमल सिंघाडिय़ा, खनि अभिंतया, जालोर
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