scriptहरीश के पंजाब जाते ही बाड़मेर के नेताओं के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले… | Harish went to Punjab, there was some bat-bat in the hearts | Patrika News

हरीश के पंजाब जाते ही बाड़मेर के नेताओं के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले…

locationबाड़मेरPublished: Oct 24, 2021 05:41:36 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

बायतु विधायक और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के पंजाब के प्रभारी बनाए जाते ही बाड़मेर के कांग्रेस के विधायकों के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले शुरू हो गई है।

हरीश के पंजाब जाते ही बाड़मेर के नेताओं के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले...

हरीश के पंजाब जाते ही बाड़मेर के नेताओं के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले…

हरीश के पंजाब जाते ही बाड़मेर के नेताओं के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले…
– प्रदेश मंत्रीमण्डल में बदलाव से बाड़मेर के विधायक उम्मीद पाले
बाड़मेर पत्रिका.
बायतु विधायक और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के पंजाब के प्रभारी बनाए जाते ही बाड़मेर के कांग्रेस के विधायकों के दिल में कुछ-कुछ बल्ले-बल्ले शुरू हो गई है। जिले में मंत्री पद के दावेदारी मानने वाले विधायकों को तो अब उनके हिस्से मंत्री पद आने की उम्मीदें बंधी है।
गुड़ामालानी के विधायक हेमाराम चौधरी राज्य नेतृत्व से काफी समय से नाराज है और वे खुलकर सचिन पायलट के साथ है। चार माह पूर्व विधायकी से इस्तीफा भेज चुके हेमाराम का इस्तीफा सरकार ने स्वीकार नहीं किया और उनको इसके बाद से मनाकर रखा हुआ है। हेमाराम ने भी हालिया दिनों में सरकार के खिलाफ बयान नहीं दिया है। लिहाजा सचिन पायलट गुट को राजी रखने का जतन होता है तो हेमाराम मंत्री पद के सबसे पहले दावेदार बन रहे है,जिनकी पैरवी सचिन पायलट प्रथम करने वाले है। गौरतलब है कि हेमाराम पहले भी राजस्व मंत्री रह चुके है और पार्टी के वरिष्ठ नेता है।
शिव विधायक अमीनखां पूर्व में पंचायती राज राज्यमंत्री रहे है। अल्पसंख्यक नेता के रूप में उनकी पहचान है हालांकि जैसलमेर से शाले मोहम्मद पहले से प्रदेश में मंत्री है लेकिन कांग्रेस चुनावी दिनों में अल्पसंख्यक वोटों को मजबूत करने के लिए अमीनखां को भी तरजीह दे सकती है। अमीन की पैरवी राष्ट्रीय स्तर के अल्पसंख्यक नेताओं ने अब तक की है।
बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने अपने काम से अपनी पहचान को मजबूत कर लिया है और वे कोरोनाकाल के बाद तो क्षेत्र के सबसे चर्चित विधायकों में से है। हालांकि मेवाराम खुद यह कहते रहे है कि उनकेा मंत्री पद की जरूरत नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत के पसंदीदा है और लगातार तीन बार जीत के बाद मेवाराम को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री यह तोहफा दे सकते है।
पचपदरा के विधायक मदन प्रजापत ने रिफाइनरी और अन्य मामलों में हरीश चौधरी के खिलाफ होकर आवाज उठाई। मदन की नाराजगी को उसी समय समझा बुझाकर एक बार शांत किया गया है। दो बार विधायक रह चुके मदन प्रजापत को भी अब हरीश चौधरी के पंजाब प्रभारी बनने बाद खुद की दावेदारी को आगे लाने का मौका मिला है।
लाल नेम प्लेट चाहिए
एक जमाना था जब गाडिय़ों पर लाल बत्ती लगती थी लेकिन अब केवल लाल नेम और नंबर प्लेट रह गई है। मंत्रीमण्डल विस्तार के साथ विभिन्न बोर्ड और अन्य पद मिलने को लेकर भी कई जनप्रतिनिधि कतार में है। पिछली गहलोत सरकार में जिले में एक साथ 7-7 लाल बत्तियां घूमती थी, अब कद्दावर नेता लाल प्लेट लाने के लिए आतुर है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो