थार में बरसात का दौर कम होने से कुछ राहत मिली है। गुरुवार को बाड़मेर में बूंदाबांदी के साथ कुछ स्थानों पर रात को बरसात हुई। इस बीच गुजरात से जिले का संपर्क चार दिन से कटा हुआ है। लूणी नदी उफान पर है और गुड़ामालानी के बारह गांवों पर संकट की फिक्र सता रही है। धोरीमन्ना की पांच ग्राम पंचायतों के करीब एक हजार परिवार घर छोड़कर रिश्तेदारों और अन्य जगह आसरा लिए हुए है। नर्मदा में बढ़ रहा पानी भी इस क्षेत्र के दर्जनों गांवों की नींद उड़ाए हुए है। बारिश दिनभर थमी रही लेकिन शाम को फिर संकट के बादल घिर आए और रिमझिम का दौर चलता रहा। प्रशासन ने कर्मचारियों व अधिकारियों को मुख्यावास नहीं छोडऩे की हिदायत दी है।
जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र में बरसाती पानी से जलमग्न हुई पांच ग्राम पंचायतों अरणियाली, भीमथल, चैनपुरा, खारी, बोर चारणान के करीब एक हजार परिवारों के मोटियारों ने घर जाने की हिम्मत जुटाई लेकिन महिलाएं और बच्चे बाहर बैठे रहे। गांवों में घर पानी से घिरे हैं। घरेलू सामान, आनाज खराब हो गया है। प्रशासन की ओर से यहां अब चेतावनी दी गई है कि लोग तभी घरों में लौटे जब खतरा टल जाए। प्रशासन की ओर से 700 पैकेट खाने के गुरुवार को वितरित किए गए। चार दिन से परेशान इन लोगों की चिंता अब भी कम नहीं हुई है। इसके अलावा नर्मदा का पानी कभी भी नहर टूटने या गुजरात से पानी का बहाव बढ़ाने पर बढ़ सकता है। इन गांवों में दो सौ से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। प्रशासन के सर्वे पर ही खुलासा होगा कि कितने मकान गिरे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पशु भी काल कलवित हुए है।
नर्मदा आई तो क्या होगा बारिश ने धोरीमन्ना की पांच ग्राम पंचायतों में ही तबाही मचाई है लेकिन नर्मदा का संकट आता है तो यहां के तीस के करीब गांवों में संकट खड़ा हो सकता है। पानी आगे गांधव जाकर ही रण में गिरेगा। इससे पहले आने वाले गांवों में इस पानी को रोकने का कोई तरीका नहीं है।
पानी आगे बढऩे से चिंता गुड़ामालानी क्षेत्र में बारिश तो थम गई है लेकिन लूणी का पानी जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है यहां लोगो ंकी फिक्र बढ़ रही है। लूणी आने से गोलिया तला, देदावास जागीर, नगर, रतनपुरा, लूणवा जागीर, डांगरिया, पालियाली, गांधवकला, बांटा और भीमड़ी गांव पर फिर संकट हो जाएगा। इन गांवों में बरसाती पानी भरने से अभी तक हालात सामान्य मुश्किल से हुए है। लूणी नदी का पानी ऊंदरी तक पहुंच गया है। तीन से चार फीट बहाव है। एेसे में यह पानी रात तक इन गांवों में पहुंचने की उम्मीद है।
जनजीवन पर असर बाड़मेर शहर रोडवेज की बसें नहीं चली रोडवेज की सभी निरस्त की गई 25 बसें लगातार तीसरे दिन भी नहीं चली। अहमदाबाद मार्ग की 12, चित्तौडग़ढ़,
उदयपुर, पाली, आबूरोड़ मार्ग की यह बसें है।
फंसी हुई बसें आई रोडवेज की तीन बसें चार दिन पहले डीसा में फंस गई थी। ये बसें थराद के मार्ग से गुरुवार को पहुंची। रोडवेज यातायात प्रबंधक ओमप्रकाश पूनिया ने बताया कि दिन में दो घंटे यह मार्ग शुरू हुआ तो बसें आ गई। अब फिर बारिश शुरू हो गई है।
प्राईवेट बसें भी रही जाम बाड़मेर
जैसलमेर से गुजरात जाने वाली इक्का दुक्का बसें ट्रॉयल पर चलाई गई। एक बस को
जोधपुर के रास्ते अहमदाबाद भेजा गया लेकिन यहां से चलने वाली 25 से अधिक बसें बंद ही रही। गुजरात से संपर्क लगातार चौथे दिन कटा रहा।
सब्जियां पहुंची और हुई सस्ती गुरुवार को सब्जी मण्डी में तीन दिन बाद सब्जियां पहुंची। इससे राहत मिली। बुधवार को टमाटर 160 रुपए किलोग्राम बिके और गुरुवार को 70 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गए है।
बुधवार शाम 5 से गुरुवार शाम 5 बजे तक बारिश मिमी में बाड़मेर- 2 सिणधरी- 13 बायतु- 14 गिड़ा- 14 गडरारोड़- 01 गुड़ामालानी- 01 धोरीमन्ना- 03 सिवाना- 06
पचपदरा- 06 बालोतरा- 21