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यहां इन्द्र करते हैं शिव का अभिषेक, कहां पढि़ए पूरा समाचार

locationबाड़मेरPublished: Feb 08, 2018 08:48:26 pm

Submitted by:

Dilip dave

कुछ साल पहले बना मंदिर
– विशाल शिवलिंग आकर्षण का केन्द्र

सफलेश्वर महादेव

सफलेश्वर महादेव

बाड़मेर. शहर में यूं तो कई शिवालय हैं, जो लोगों की आस्था के प्रतीक हैं, लेकिन रातानाडा स्थित सफलेश्वर महादेव मंदिर शायद एक मात्र मंदिर होगा, जिसका अभिषेक स्वयं प्रकृति करती है। इस मंदिर में विशाल शिवलिंग है और छत नहीं है। एेसे में बारिश होने पर यहां स्वयं इन्द्र भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इस मंदिर में आम दिन हो या फिर खास त्यौहार भक्तों की आवाजाही लगी रहती है।
जिला मुख्यालय के रातानाडा स्थित पंच तीर्थ धाम के प्रमुख तीर्थों में से एक सफलेश्वर जन-जन की आस्था का प्रतीक है। मात्र सात साल पहले बने मंदिर में विशालकाय शिवलिंग बरबस ही लोगों का ध्यान का ध्यान आकर्षित करता है। इस मंदिर की बनावट स्थापित शिवलिंग के अनुसार ही है। मंदिर में काले पत्थर का शिवलिंग स्थापित है। चारों ओर प्रक्रिया स्थल बनाया हुआ है। शिव का अभिषेक करने के लिए भक्तों को स्टूल, कुर्सी पर चढ़ कर दूध, दही व पानी चढ़ाना होता है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां कार्य सफलता की कामना लेकर आने वाले हर भक्त को सफलता जरूर मिलता है, इसलिए इसका नाम सफलेश्वर महादेव पड़ा।
आसपास विभिन्न मंदिर

इस मंदिर के पास रातानाडा महादेव मंदिर श्रीमाली, गणेश मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर , संतोषी माता का मंदिर, हनुमानजी का मंदिर, सांईधाम, ढलान में रामदेव बाबा मंदिर, जोशी समाज का मंदिर सहित कई धार्मिक स्थल हैं। एेसे में हर दिन यहां भक्तों की आवाजाही रहती है। जो भी भक्त अन्य मंदिर में दर्शन करने आता है, वह सफलेश्वर मंदिर में धोक जरूर लगाता है।
साल में कई मेले
पंच धाम के नाम से प्रसिद्ध रातानाडा में हर साल कई बार मेले लगते हैं। शिवरात्रि पर तो यहां चौबीस घंटे भक्तों की रेलमपेल व अभिषेक-पूजन चलता रहता है। तीज-त्योहार, रामदेव जयंती, गणेश जयंती, हनुमान जयंती सहित विभिन्न जयंती पर मेले लगते हैं। इन मेलों में आने वाले भक्तों की सफलेश्वर महादेव के प्रति भी अगाध आस्था है।
सावन में मेले के साथ मौज-मस्ती

पहाड़ी की गोद में बने इस मंदिर व आसपास के मंदिरों में सावन माह में हर दिन मेले जैसे माहौल रहता है। बारिश होने पर चहुंआेर छाई हरियाली के बीच प्रकृति की गोद में लोग घूमने आते हैं। वे मौज-मस्ती के साथ सहभोज करते हैं।
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