Holi 2022 : होली पर रहेगी भद्रा, होलाष्टक 10 से, मांगलिक कार्य टलेंगे
-भद्रा मुख में होलिका दहन वर्जित
-होलाष्टक से टलेंगे शुभ व मांगलिक कार्य
बाड़मेर
Updated: March 06, 2022 07:45:30 pm
बाड़मेर. रंगों का त्योहार होली का पर्व नजदीक आ रहा है। इसी के साथ फागुनी रंग भी थार में खिलते जा रहे हैं। मार्च महीने में होली दहन 17 मार्च को होगा, वहीं 18 को रंगोत्सव होगा। इस बीच 10 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा। इसके बाद किसी तरह के मांगलिक कार्य को शुभ नहीं माना जाता है और टालने का विधान है। फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे, जो होलिका दहन के साथ खत्म होते हैं। इस बार होलाष्टक 10 मार्च से मध्यरात्रि के बाद 2:56 बजे से शुरू हो जाएगा।
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा तिथि के दिन भद्रा रहित समय में होता है। भद्रा का समय समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जा सकता है। भद्रा मुख में होलिका दहन वर्जित भी माना गया है।
होलिका दहन का समय
होली के दिन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च दोपहर 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12.47 तक होगी। ज्योतिषि के जानकार बताते हैं कि होलिका दहन का मुहूर्त 17 मार्च को रात 9.20 से 10.31 बजे तक होगा। दहन के लिए 1 घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा। होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्योहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
होलिका दहन पर भद्रा का साया
इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा रहेगी। ज्योतिष मानते हैं कि प्रदोषकाल में होलिका दहन करना चाहिए, लेकिन भद्रा वर्जित है। इस दिन भद्रा रहेगी, ऐसे में शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार भद्रा मुख को टालते हुए भद्रा पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है। ऐसे में 17 मार्च को रात्रि 9.20 से 1 घंटो 10 मिनट तक का मुहूर्त श्रेष्ठ माना गया है। इस समय होलिका दहन करना उत्तम रहेगा।
2022 : होली उत्सव
होलिका दहन 17 मार्च
होलिका दहन मुहूर्त: रात्रि 09. 20 से 10.31 बजे तक
अवधि :1 घण्टा 10 मिनट
रंगवाली होली 18 मार्च
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 17 मार्च दोपहर 1.29 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 18 मार्च दोपहर 12.47 बजे तक

Holi 2022 : होली पर रहेगी भद्रा, होलाष्टक 10 से, मांगलिक कार्य टलेंगे
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