मानवाधिकार दिवस मनाया
वहीँ महाविद्यालय में मानवाधिकार दिवस भी मनाया गया। पृथ्वी पर मनुष्यता बनी रहे और मनुष्य को अपने अस्तित्व पर गर्व रहे, इसके लिए जरूरी है कि मनावाधिकारों का पालन हो। एमबीसी राजकीय महिला महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दिवसीय शिविर के बौद्धिक सत्र में मानवाधिकार दिवस पर प्राचार्य डॉ ललिता मेहता ने उक्त विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मृणाली चौहान ने बताया कि मानवाधिकार सार्वभौमिक एवं सकारात्मक अधिकार हैं। इन्हें समाज स्वीकार करता है तथा राज्य की स्वीकारोक्ति प्रदान है। डॉ सरिता व्यास ने बताया कि हमें प्राप्त सभी अधिकार जीवित रहें इसके लिए कर्तव्यों का पालन जरूरी है। यदि हम केवल अपने अधिकारों का दोहन करते रहेंगे तो इनकी अस्मिता ही समाप्त हो जाएगी। स्वयंसेविका भारती व तमन्ना ने समानता के अधिकार, महिलाओं एवं बच्चों के अधिकार व शिक्षा के अधिकारों पर अपने विचार व्यक्त किए। जस्सी व शबनम ने कविता पाठ किया। राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता सप्ताह के अन्तर्गत महाविद्यालय की सफाई भी की।
वहीँ महाविद्यालय में मानवाधिकार दिवस भी मनाया गया। पृथ्वी पर मनुष्यता बनी रहे और मनुष्य को अपने अस्तित्व पर गर्व रहे, इसके लिए जरूरी है कि मनावाधिकारों का पालन हो। एमबीसी राजकीय महिला महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दिवसीय शिविर के बौद्धिक सत्र में मानवाधिकार दिवस पर प्राचार्य डॉ ललिता मेहता ने उक्त विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मृणाली चौहान ने बताया कि मानवाधिकार सार्वभौमिक एवं सकारात्मक अधिकार हैं। इन्हें समाज स्वीकार करता है तथा राज्य की स्वीकारोक्ति प्रदान है। डॉ सरिता व्यास ने बताया कि हमें प्राप्त सभी अधिकार जीवित रहें इसके लिए कर्तव्यों का पालन जरूरी है। यदि हम केवल अपने अधिकारों का दोहन करते रहेंगे तो इनकी अस्मिता ही समाप्त हो जाएगी। स्वयंसेविका भारती व तमन्ना ने समानता के अधिकार, महिलाओं एवं बच्चों के अधिकार व शिक्षा के अधिकारों पर अपने विचार व्यक्त किए। जस्सी व शबनम ने कविता पाठ किया। राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता सप्ताह के अन्तर्गत महाविद्यालय की सफाई भी की।