– पचपदरा (बाड़मेर)
रिफाइनरी के श्रेय को लेकर कांग्रेस-भाजपा में लगी हौड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पचपदरा की सभा में कांगेे्रस को घेरते हुए कहा था कि सोनिया गांधी को बुलाकर केवल पत्थर लगाया, रिफाइनरी का कार्य भाजपा ने शुरू किया है और यहां पांच सौ करोड़ के कार्य हो रहे है। बुधवार को कांग्रेस की संकल्प रैली में पचपदरा में ही बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांगे्रस की संभाग रैली के लिए पचपदरा को इसलिए चुना गया कि मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा झूठ सब देख सकें। यहां केवल दीवार बनी है, रिफाइनरी कहीं नजर नहीं आ रही है। दीवार भी चुनावी साल में बनी है। चार साल तक रिफाइनरी के काम को नहीं रोका होता तो आज इस इलाके की तस्वीर अलग ही होती।
रिफाइनरी के श्रेय को लेकर कांग्रेस-भाजपा में लगी हौड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पचपदरा की सभा में कांगेे्रस को घेरते हुए कहा था कि सोनिया गांधी को बुलाकर केवल पत्थर लगाया, रिफाइनरी का कार्य भाजपा ने शुरू किया है और यहां पांच सौ करोड़ के कार्य हो रहे है। बुधवार को कांग्रेस की संकल्प रैली में पचपदरा में ही बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांगे्रस की संभाग रैली के लिए पचपदरा को इसलिए चुना गया कि मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा झूठ सब देख सकें। यहां केवल दीवार बनी है, रिफाइनरी कहीं नजर नहीं आ रही है। दीवार भी चुनावी साल में बनी है। चार साल तक रिफाइनरी के काम को नहीं रोका होता तो आज इस इलाके की तस्वीर अलग ही होती।
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ का पुलिंदा है, वे कहती है कि रिफाइनरी में 40 हजार करोड़ के घाटे का एमओयू किया तो फिर उनको जेल क्यों नहीं भेजती। मुख्यमंत्री ने पूरे मारवाड़ की सभा में झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं किया। वो कहती है कि 50 साल में कांगे्रस ने कुछ नहीं किया, हमने पांच साल में कर दिया। पिछले 28 साल में 18 साल तो प्रदेश में भाजपा का शासन रहा है, फिर अपने कार्यकाल के बारे में क्या कहेंगी? गहलोत ने कि वसुंधरा राजे की नींद तो आज उड़ जाएगी जब इतनी भारी संख्या में लोगों के आने की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि हाकिम बदलते ही यहां भेदभाव से हुकुम बदल जाते हैं। सरकार की अच्छी योजनाओं को बंद कर जरूरतमंदों को वंचित किया गया है। भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और इसके बाद कांगे्रस सरकार आई तो हमने ऐसा नहीं किया। गहलोत ने प्रधानमंत्री को घेरते हुए कहा कि लोगों को ऐसे लगा था कि ये आदमी आकाश से तारे तोड़कर ले आएगा लेकिन अब सवाल पूछता हूं कि 15 लाख रुपए खातों में जमा होने थे, उसका क्या हुआ? नोटबंदी से कालाधन सामने लाने वाले थे, कहां गया कालाधन? अच्छे दिन का लोग कब तक इंतजार करेंगे? कांगे्रस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है,जहां लोगों के नारे लगाने पर पाबंदी है। विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया जाता है। घरों में पुलिस नोटिस पहुंचाती है कि विरोध हुआ तो आप जिम्मेदार होंगे। काला कपड़ा पहनकर कोई सभा में नहीं आ सकता। भाजपा ने तो अपनों को नहीं बख्शा, उनकी पगड़ी उछाली है। जिनकी पगडिय़ा उछाली है वो सब अब जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि मारवाड़ में भाजपा की एक सीट नहीं आएगी और प्रदेश ने अब तय कर लिया है कि भाजपा का कुशासन खत्म करेगी। मुख्यमंत्री की नींद ही नहीं अब कुर्सी भी जाने वाली है। कांगे्रस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे ने कहा कि कांगे्रस के कार्यकर्ता एकजुटता के साथ तैयार हो जाएं। भाजपा के प्रति लोगों में गुस्सा है और चुनाव में इसका परिणाम भाजपा भुगतेगी। सभा को नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, नमोनारायण मीणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी, एआईसीसी सहप्रभारी विवेक बंसल, कांग्रेस सचिव हरीश चौधरी, बीडी कल्ला सहित भाजपा के कई नेताओं संबोधित किया।
यह रहा रोचक घटनाक्रम- कांगे्रस जिलाध्यक्ष फतेहखां संचालन कर रहे थे। सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही वक्ता शेष थे। उन्होंने पहले अशोक गहलोत का नाम ले लिया। सचिन पायलट और सारे लोग अवाक रह गए। पायलट तपाक से खड़े हुए और इधर गहलोत मंच की ओर रवाना हो गए। सचिन ने उन्हें रोकने की कोशिश की और कहा कि पहले वे बोलेेंगे, अंत में गहलोत। लेकिन गहलोत मंच पर आ गए। संबोधन प्रारंभ कर दिया। गहलोत को दो नंबर पर बुलवाने की इस गलती का भाव सबके चेहरों पर था, हालांकि गहलोत ने इसका कोई जिक्र नहीं किया और न ही पायलट ने।
यह रहा रोचक घटनाक्रम- कांगे्रस जिलाध्यक्ष फतेहखां संचालन कर रहे थे। सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही वक्ता शेष थे। उन्होंने पहले अशोक गहलोत का नाम ले लिया। सचिन पायलट और सारे लोग अवाक रह गए। पायलट तपाक से खड़े हुए और इधर गहलोत मंच की ओर रवाना हो गए। सचिन ने उन्हें रोकने की कोशिश की और कहा कि पहले वे बोलेेंगे, अंत में गहलोत। लेकिन गहलोत मंच पर आ गए। संबोधन प्रारंभ कर दिया। गहलोत को दो नंबर पर बुलवाने की इस गलती का भाव सबके चेहरों पर था, हालांकि गहलोत ने इसका कोई जिक्र नहीं किया और न ही पायलट ने।
सचिन बोलते रहे, लोग कहते रहे गहलोत जिंदाबाद- गहलोत का संबोधन खत्म होते ही कुछ लोग रवाना हो गए तो अधिकांश लोग खड़े हो गए और फिर गहलोत जिंदाबाद के नारे गंूजने लगे। सचिन का भाषण लोगों ने खड़े-खड़े सुना और अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारों से पांडाल गूंजता रहा।
कोर्ट का सरकार को तमाचा- राजस्थान गौरव यात्रा को लेकर बुधवार के निर्देश पर गहलोत ने कहा कि यह सरकार के मुंह पर तमाचा है। सरकार फिजूलखर्ची कर रही है। सरकारी धन का दुरूपयोग हो रहा है। हमने तो पहले ही कहा था कि राजस्थान गौरव यात्रा निकालकर मुख्यमंत्री सत्ता का दुरूपयोग कर रही है।
कोर्ट का सरकार को तमाचा- राजस्थान गौरव यात्रा को लेकर बुधवार के निर्देश पर गहलोत ने कहा कि यह सरकार के मुंह पर तमाचा है। सरकार फिजूलखर्ची कर रही है। सरकारी धन का दुरूपयोग हो रहा है। हमने तो पहले ही कहा था कि राजस्थान गौरव यात्रा निकालकर मुख्यमंत्री सत्ता का दुरूपयोग कर रही है।