नगर में सफाई कर्मियों का काम चलाऊ रवैया व नगर परिषद प्रशासन की सफाई कार्य की मॉनिटरिंग सही नहीं करने से सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। सफाईकर्मी आधी अधूरी सफाई कर व एकत्रित कचरे को किसी कोने में डाल चलते बनते हैं। इसके बाद ट्रैक्टर से कचरा उठाने वाले सफाईकर्मी आधा दिन तक शहर के मार्गों व बाजारों से कचरा नहीं उठाते हैं। सुबह के निकाले कचरे के चार से पांच घंटे तक नहीं उठाने पर माहौल प्रदूषित होता है। इस पर आस पड़ोस के लोगों, मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों के लिए सांस लेना दूभर हो जाता है। ये नाक सिकोड़ कर गुजरते हैं।
सौंदर्यकरण भी हो रहा प्रभावित शहर में दोपहर तक जगह जगह कचरे के लगे रहने वाले ढेर से सौन्दर्यकरण भी प्रभावित होता है। इससे शहर की छवि धूमिल होती है। लंबे समय से शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर हर दिन शहरवासी परेशानी उठाते हंै। परेशान लोगों के नगर परिषद को समस्या से अवगत करवाने के बावजूद अधिकारी आंखें मंूद बैठे हैं। इससे आमजन में रोष है। ट्रैक्टर से कचरा उठाने वाले सफाईकर्मी आधा दिन तक शहर के मार्गों व बाजारों से कचरा नहीं उठाते हैं। सुबह के निकाले कचरे के चार से पांच घंटे तक नहीं उठाने पर माहौल प्रदूषित होता है।