चिकित्सा विभाग व मेडिकल कॉलेज बाड़मेर की ओर से ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम को लेकर हाल ही में चिकित्सकों की सीएमइ बुलाई। जिसमें चिकित्सकों को स्वाइन फ्लू के लक्षणों वाले मरीजों को कैटेगरी के अनुसार उपचार देने की विशेषज्ञों ने जानकारी दी। साथ ही ओपीडी में आने वाले जुकाम वाले मरीजों को संबंधित चिकित्सक के पास भेजने की सलाह दी गई।
चिकित्सक बरतें सतर्कता कार्यक्रम में वरिष्ठ विशेषज्ञों ने बताया कि स्वाइन फ्लू का रिस्क खासकर मधुमेह से ग्रस्त वृद्ध, गर्भवती महिलाओं व बच्चों में अधिक रहता है। इसलिए ऐसे मरीजों के ओपीडी में आने पर चिकित्सक सतर्कता बरतते हुए प्रारंभिक लक्षणों के अनुसार उपचार करें।
टेमी फ्लू का स्टॉक हालांकि अभी तक स्वाइन फ्लू के मरीज सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन विभाग ने पहले से टेमी फ्लू का स्टॉक मंगवा लिया है। ओपीडी में मरीजों को टेमी फ्लू देने के लिए व्यवस्था की गई है। जिससे मरीज को दवा के लिए भटकना नहीं पड़े।
साल की शुरूआत में बरपा था स्वाइन फ्लू का कहर साल की शुरुआत में बाड़मेर में स्वाइन फ्लू बेकाबू रहा था। करीब 3 महीनों तक थार में कहर बरपाया। जिले में 16 से अधिक लोग शिकार हुए। पॉजिटिव का आंकड़ा भी 250 तक को पार कर गया। बढ़ते मरीजों और जोधपुर से नमूनों की जांच रिपोर्ट देरी से मिलने के चलते मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वाइन फ्लू नमूनों की जांच के लिए मशीन लगाई गई।
अभी कोई केस नहीं अभी स्वाइन फ्लू का कोई केस नहीं है। फिर भी सर्दी बढऩे के साथ हमने चिकित्सकों को सतर्कता बरतने का कहा है। ओपीडी में प्रारंभिक लक्षण वाले मरीज आते हैं तो उन्हें टेमी फ्लू आदि तुंरत दी जाए।
डॉ. कमलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर बाड़मेर: स्वाइन फ्लू 2019 के आंकड़े नमूने: 812 पॉजिटिव: 250
मौतें: 16 (22 नवम्बर तक)