दिनभर एक दूसरे से जुड़े हुए- इंटरनेट कॉल पर खर्च भी ज्यादा नहीं है। एेसे में एक दूसरे से दिनभर जुड़े रहते हैं। आलम यह है कि सुबह की सब्जी और शाम के जायके के समाचार महिलाएं एक दूसरे से लेती है और खाने की रेसिपी तक शेयर होने लगी है। दिनभर का यह जुड़ाव से दोनों मुल्कों के बीच की दूरियों का अहसास कम होने लगा है।
सुरक्षा की दृष्टि से मुश्किल- जहां एक ओर इससे रोटी-बेटी का रिश्ता जीने वालों के लिए सहूलियत हुई है दूसरी ओर सुरक्षा की दृष्टि से यह मुश्किलें बढ़ा रहा है। इंटरनेट कॉल व चेट पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने से इसका पता नहीं चल पाता कि किस समय सामरिक लिहाज से यह खतरा बन सकता है। टेलीफोन कॉल का तो इंद्राज करने और नियंत्रण का सिस्टम है।
काफी सुकून मिला है- इंटरनेट वीडियो कॉलिंग से काफी सुकून मिला है। परिजनों से किसी भी समय वीडियो कॉलिंग हो जाती है। उनके समाचार मिल जाते हैं। देश के तनाव से अब रिश्तेदारों को कोई लेना देना नहीं है। उन्हें अपनों की ङ्क्षचता है जो खत्म हो रही है।- घनश्याम माली, शरणार्थी
सुरक्षा को लेकर फिक्र- सुरक्षा को लेकर फिक्र तो है ही। इसका कहीं पर इंद्राज नहीं हो रहा है और कोई नियंत्रण भी नहीं है। वीडियो कॉलिंग भी हर समय होती है लेकिन इसमें कर कुछ नहीं सकते।
– डॉ. गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर