scriptJain society kept the establishment closed, took out silent rally | जैन समाज ने प्रतिष्ठान रखे बंद, निकाली मौन रैली | Patrika News

जैन समाज ने प्रतिष्ठान रखे बंद, निकाली मौन रैली

locationबाड़मेरPublished: Jul 21, 2023 10:22:11 am

बाड़मेर। जैनाचार्य कामकुमार नन्दी मुनिराज की कर्नाटक राज्य के चिक्चोडी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा हत्या के विरोध में सकल जैन समाज के भारत बन्द के आह्वान पर गुरूवार को जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के तत्वावधान एवं साधु-साध्वी भगवन्तों की निश्रा में जैन समाज के लोगों ने प्रतिष्ठान बन्द रखने के साथ हजारों की संख्या में विशाल मौन रैली निकाली।

बाड़मेर में जिला कलेक्ट्रेट के आगे मौन रहकर प्रदर्शन करते जैन समाज के लोग।
बाड़मेर में जिला कलेक्ट्रेट के आगे मौन रहकर प्रदर्शन करते जैन समाज के लोग।
जैन समाज ने प्रतिष्ठान रखे बंद, निकाली मौन रैली
जैनाचार्य हत्याकाण्ड के विरोध में जैन समाज का आक्रोश

बाड़मेर। जैनाचार्य कामकुमार नन्दी मुनिराज की कर्नाटक राज्य के चिक्चोडी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा हत्या के विरोध में सकल जैन समाज के भारत बन्द के आह्वान पर गुरूवार को जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के तत्वावधान एवं साधु-साध्वी भगवन्तों की निश्रा में जैन समाज के लोगों ने प्रतिष्ठान बन्द रखने के साथ हजारों की संख्या में विशाल मौन रैली निकाली।
जैन श्रीसंघ के महामंत्री किशनलाल वडेरा ने बताया कि कर्नाटक में जैनाचार्य कामकुमार नन्दी मसा की हत्या के विरोध में जैन समाज का कामकाज व कारोबार बन्द रखकर मौन रैली निकाली गई। इससे पूर्व जैन न्याति नोहरे में मुनिराज विराटसागर मसा व साध्वी नीतिगुणाश्री मसा आदि ठाणा के मांगलिक व मार्गदर्शन के बाद अनुशासन के साथ मौन रैली प्रारम्भ हुई। रैली जैन न्याति नोहरे से प्रारम्भ होकर पीपली चौक, जवाहर चौक, पुरानी सब्जी मण्डी, गांधी चौक, स्टेशन रोड़, अहिंसा सर्किल से होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां जैन समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने जिला कलेक्टर को महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
बारिश में भी निकाली मौन रैली
महामंत्री वडेरा ने जैन समाज के सभी संस्थाओं, मण्डलों, सेवाभावी कार्यकताओं, जैन बन्धुओं, माताओं-बहिनों व युवासाथियों ने जैन समाज के आह्वान पर जैन समाज बन्द व मौन रैली को सफ बनाया और रैली के बीच रास्ते में बरसात आने के बावजूद भी हजारों लोग जमे रहे और मौन चलते रहे। इन्द्रदेव ने भी महरबानी करते हुए उमस और थकान को बारिश बूंदों से दूर कर दिया।
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