बाड़मेर

Asiad 2018: घुड़सवारी में जितेंद्र सिंह ने रजत जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाड़मेर की चमक बिखेर दी, 8 साल पहले जॉइन की थी इंडियन आर्मी

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बाड़मेरAug 26, 2018 / 11:17 pm

Mahendra Trivedi

राजस्थानी किसान के बेटे ने जीता एशियाड में ​देश का दिल, घुड़सवारी कर चांदी लाए; ये है उनकी पूरी कहानी

जयपुर/बाड़मेर.
18वें एशियाई खेलों के आठवें दिन भारत ने सात पदक अपने नाम किए। इनमें पांच रजत और तीन कांस्य शामिल हैं। 100 मीटर महिला रेस में दुती चंद ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। इसके अलावा घुड़सवारी में दो और 400 मीटर रेस में हिमा दास और मोहम्मद अनस ने दो सिल्वर मेडल दिलाए। वहीं, ब्रिज में दो कांस्य पदक मिले।
 

बाड़मेरी किसान के बेटे ने रसा इतिहास
एशियाई खेलों में घुडसवारी की टीम स्पद्र्धा में बाड़मेर के जितेंद्र सिंह ने रजत पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर दी। बाड़मेर के मगरा गांव निवासी जितेन्द्र के पिता किसान हैं।
 

एक्वेस्ट्रियन में मेरठ के रिमाउंट वेटरनरी कोर आरवीसी के घुड़सवार जितेन्द ्रसिंह ने अपने साथियों के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत की टीम में शामिल जितेन्द्र ने विदेश में छह माह तक घुड़सवारी का प्रशिक्षण लिया। जितेन्द्र का एशियाई खेलों में यह पहला रजत पदक है।
 

सेना में तैनात
भारतीय घुडसवारी टीम में चार घुड़वासर शामिल है, जिसमें तीन सेना में तैनात है। जितेन्द्रसिंह २०१० में सेना में चयनित हुए। आठवीं पास करने के बाद अपने मामा अंतरराष्ट्रीय घुड़सवार गुलाबसिंह राठौड़ के साथ मेरठ चले गए। वहां मामा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया।
 

पांचवीं कक्षा तक जितेन्द्र अपने गांव की सरकारी स्कूल में पढ़े। इसके बाद मगरा गांव से १५ किमी दूर स्थित देताणी गांव की सरकारी स्कूल में प्रवेश लिया। यहां तीन साल पढ़ाई की। उसके बाद मेरठ चले गए।
 

पिता करते हैं खेती
जितेन्द्रसिंह के पिता पहाड़ सिंह हरसाणी के पास स्थित मगरा गांव में खेती करते हंै। उनके बड़े भाई मनोहर सिंह दुबई में घुड़सवार है। छोटे भाई भगवानसिंह चंडीगढ़ में होमगार्ड के पद तैनात हैं। पिता ने बताया कि बेटे की उपलब्धि पर गर्व है। पिता को उम्मीद है कि जितेंद्र ओलम्पिक में भी सफल होंगे
 

बधाइयों का सिलसिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए पूरी टीम को बधाई दी है। इसी तरह आरवीसी एक्वेस्ट्रियन चीफ कर्नल मंगल सिंह ने एशियन गेम्स में शामिल सभी खिलाडिय़ों को रजत पदक के लिए बधाई दी है। आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज के कमांडेंट मेजर जनरल अनिल कुमार ने भी टीम को दी। उन्होंने आगे की प्रतियोगिताओं में और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
 

भारत की मेडल संख्या 35 के पार
संडे तक भारत ने 7 स्वर्ण, 10 रजत और 19 कांस्य पदक जीते। इनमें आज राजीव 400 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रहे, जबकि दुती ने 100 मी रेस में सिल्वर जीता और पीटी ऊषा का रिकॉर्ड तोड़ा। वहीं, 400 मी में हिमा-अनस ने भी रजत दिलाए। भारत शाम तक 36 पदक इन खेलों में जीत चुका था। हालांकि, भारत इन खेलों में 9वें नंबर पर खिसक गया है।
कंटेंट— भवानी सिंह/विजयराम.

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