कनाना निवासी केवलराम के विक्रम की शादी २७ फरवरी को हुई थी। परिवार में खुशियों का माहौल और पूरा परिवार इस शादी में पहुंचा। संग-संग नाचे व उत्सव आयोजन में भाग लिया। बीते सोलह दिनों में नवदंपती ने साथ-साथ जीने के हजारों सपने बुने। परिवार ने तय किया कि शनिवार को वे रामदेवरा जाएंगे और शाम तक लौट आएंगे। सुबह ४ बजे नवदंपती के साथ परिवार के लोग रवाना हुए। बालोतरा से निकलकर पचपदरा के पास परिवार के सदस्य ठहरे। सेल्फी-ग्रुपी ली, पारिवारिक सदस्यों से शेयर किया और खुशियों के संग गाते चल रहे थे लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। अभी साथ-साथ जीने के १६ दिन ही पूरे हुए थे लेकिन कनाना में हुए अंतिम संस्कार में दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ तो हाथों में लगी मेहंदी के रंग के संग दोनों की विदाई देखने वाले रो पड़े।
विक्रम के बहनोई किशोर पुत्र मोहनलाल पंवार बालोतरा में रहते हैं। कपड़ा व्यवसायी किशोर अपने साले विक्रम की शादी से लौट आए थे। परिवार ने तय किया कि नवदंपती के साथ रामदेवरा जाएंगे। शनिवार सुबह घर से सभी हंसी-खुशी रवाना हुए। विक्रम ने बहनोई कैलाश, बहन विमला, भांजे प्रतीप व भांजी प्रांजी को भी साथ लिया। उसे क्या मालूम था कि उसके साथ बहन के परिवार की भी यह अंतिम यात्रा होगी। कैलाश के परिवार के चारों सदस्य इस हादसे में नहीं रहे।
विक्रम के बुआ का बेटा भाई कैलाश भाई कम और मित्र ज्यादा। यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ तो गंगाणियों कावास वार्ड 31 निवासी कैलाश पुत्र स्व. हंजारीमल गहलोत को भी साथ में ले लिया। कैलाश की पत्नी डिम्पल व एक वर्षीय पुत्री गुंजन भी साथ थी। पचपदरा में विक्रम ने इनके साथ सेल्फी भी ली। यह पूरा परिवार भी हादसे में नहीं रहा। वहीं हादसे में विक्रम के साथ चौथा परिवार था उसकी बुआ का। बुआ की बेटी बहन प्रियंका और उसका भाई कमलेश उसके साथ यात्रा में रवाना हुए। हादसे में प्रियंका की मौत हो गई।