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हृदय विदारक हादसा: किस रिश्ते का नाम पुकारकर रोएं, इतने सारे अपने खोए

locationबाड़मेरPublished: Mar 15, 2020 09:27:15 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

एक-दूसरे से गहरे रिश्तों से जुड़े चार परिवारों के लोगों की एक साथ मौत ने कलेजा कंपा दिया। जिन चार घरों में आज मातम पसरा था उनके सारे रिश्तेदार फफक-फफक कर रो रहे थे। उनकी ये हालत थी कि किस रिश्ते का नाम पुकार कर रोएं, इतने सारे अपने खोए।

हृदय विदारक हादसा: किस रिश्ते का नाम पुकारकर रोएं, इतने सारे अपने खोए
बालोतरा। एक-दूसरे से गहरे रिश्तों से जुड़े चार परिवारों के लोगों की एक साथ मौत ने कलेजा कंपा दिया। जिन चार घरों में आज मातम पसरा था उनके सारे रिश्तेदार फफक-फफक कर रो रहे थे। उनकी ये हालत थी कि किस रिश्ते का नाम पुकार कर रोएं, इतने सारे अपने खोए।
कनाना के केवलराम ने अपने भरे- पूरे परिवार में इतने रिश्ते जोड़े थे जो आज इस तरह टूट गए कि इस बूढ़े व्यक्ति को लग रहा है कि उसके अंग-अंग को किसी ने काटकर फेंक दिया। बेटी और बेटे का पूरा परिवार तो खोया ही है साथ ही अपने बहन के परिवार के सदस्यों की मौत पर भी फफक रहा है।
मेहंदी, सपनों और होली का रंग, चिता पर जले संग-संग
कनाना निवासी केवलराम के विक्रम की शादी २७ फरवरी को हुई थी। परिवार में खुशियों का माहौल और पूरा परिवार इस शादी में पहुंचा। संग-संग नाचे व उत्सव आयोजन में भाग लिया। बीते सोलह दिनों में नवदंपती ने साथ-साथ जीने के हजारों सपने बुने। परिवार ने तय किया कि शनिवार को वे रामदेवरा जाएंगे और शाम तक लौट आएंगे। सुबह ४ बजे नवदंपती के साथ परिवार के लोग रवाना हुए। बालोतरा से निकलकर पचपदरा के पास परिवार के सदस्य ठहरे। सेल्फी-ग्रुपी ली, पारिवारिक सदस्यों से शेयर किया और खुशियों के संग गाते चल रहे थे लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। अभी साथ-साथ जीने के १६ दिन ही पूरे हुए थे लेकिन कनाना में हुए अंतिम संस्कार में दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ तो हाथों में लगी मेहंदी के रंग के संग दोनों की विदाई देखने वाले रो पड़े।
बहनोई का पूरा परिवार
विक्रम के बहनोई किशोर पुत्र मोहनलाल पंवार बालोतरा में रहते हैं। कपड़ा व्यवसायी किशोर अपने साले विक्रम की शादी से लौट आए थे। परिवार ने तय किया कि नवदंपती के साथ रामदेवरा जाएंगे। शनिवार सुबह घर से सभी हंसी-खुशी रवाना हुए। विक्रम ने बहनोई कैलाश, बहन विमला, भांजे प्रतीप व भांजी प्रांजी को भी साथ लिया। उसे क्या मालूम था कि उसके साथ बहन के परिवार की भी यह अंतिम यात्रा होगी। कैलाश के परिवार के चारों सदस्य इस हादसे में नहीं रहे।
बुआ के बेटे का परिवार
विक्रम के बुआ का बेटा भाई कैलाश भाई कम और मित्र ज्यादा। यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ तो गंगाणियों कावास वार्ड 31 निवासी कैलाश पुत्र स्व. हंजारीमल गहलोत को भी साथ में ले लिया। कैलाश की पत्नी डिम्पल व एक वर्षीय पुत्री गुंजन भी साथ थी। पचपदरा में विक्रम ने इनके साथ सेल्फी भी ली। यह पूरा परिवार भी हादसे में नहीं रहा। वहीं हादसे में विक्रम के साथ चौथा परिवार था उसकी बुआ का। बुआ की बेटी बहन प्रियंका और उसका भाई कमलेश उसके साथ यात्रा में रवाना हुए। हादसे में प्रियंका की मौत हो गई।
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