scriptयह थार का काश्मीर, जहां चलती थीं आंधियां, अब वहां हरियाली | kashmir village in barmer | Patrika News

यह थार का काश्मीर, जहां चलती थीं आंधियां, अब वहां हरियाली

locationबाड़मेरPublished: May 20, 2018 04:54:02 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

काश्मीर यानी जम्मू-कश्मीर की कल्पना लेकिन थार के धोरों में भी एक गांव है जिसका नाम काश्मीर है।

kashmir village in barmer
कानाराम गोयल/ शिव (बाड़मेर)। काश्मीर यानी जम्मू-कश्मीर की कल्पना लेकिन थार के धोरों में भी एक गांव है जिसका नाम काश्मीर है। कभी यहां आंधियां उड़ती थीं और पीने को पानी भी मुश्किल से मिलता था लेकिन कुदरत का करिश्मा है कि लगभग एक दशक से यहां भूगर्भ में पानी मिलने के बाद फसलें लहलहा रही हैं।
भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच थार के इस गांव में छाई हरियाली कश्मीर सा अहसास दिलाती है। शिव तहसील के इस गांव की आबादी करीब दो हजार है। गांव के वृद्ध मगाराम चौधरी ने बताया कि गांव का नाम काश्मीर पडऩे का एक कारण यहां क्षेत्र का पहला कुआं मिलना है।
क्षेत्र में 50 किमी तक कोई कुआं नहीं था। एेसे में वक्त सेटलमेंट 1956 के बाद जब गांव की आबादी का नामकरण हुआ तो इसको पानी का क्षेत्र मानते हुए काश्मीर नाम दिया गया। अब यहां करीब 150 नलकूप हैं। प्रतिवर्ष यहां लाखों के जीरे की पैदावार होती है। गांव को लोकदेवता बाबा रामदेव के पिता अजमल जी ने बसाया था।
सरस्वती के संकेत
रेगिस्तानी जिलों बीकानेर ,श्रीगंगानगर, जैसलमेर और बाड़मेर में सरस्वती नदी गुजरने के संकेत हैं। काश्मीर गांव के इस इलाके को भी भू वैज्ञानिक सरस्वती नदी का रास्ता मानते हैं। इसको लेकर बीते दिनों भू वैज्ञानिकों की एक टीम ने क्षेत्र का दौरा भी किया है। सरस्वती नदी पर चल रहे प्रोजेक्ट के तहत सफलता मिलती है तो रेगिस्तान का यह इलाका हरियाली से आच्छादित होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो